Edited By swetha,Updated: 29 Dec, 2018 10:40 AM
हिन्दी ‘हिन्द’ के माथे की ‘बिंदी’ है। यह बात किताबों में आपने भी पढ़ी होगी। हिन्दी पंजाब के घरानों में ‘स्टेट्स सिम्बल’ बनती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार की वैबसाइट पर ‘हिन्दी’ का अपमान हिंदी में हो रहा है।
अमृतसर(सफर): हिन्दी ‘हिन्द’ के माथे की ‘बिंदी’ है। यह बात किताबों में आपने भी पढ़ी होगी। हिन्दी पंजाब के घरानों में ‘स्टेट्स सिम्बल’ बनती जा रही है। वहीं दूसरी तरफ पंजाब सरकार की वैबसाइट पर ‘हिन्दी’ का अपमान हिंदी में हो रहा है।
नहीं यकीन आता तो आप भी गूगल पर सर्च करो तो आपके सामने ‘रोजगार जैनरेशन और प्रशिक्षण की अधिकारिक वैबसाइट’ का दावा करते हुए पंजाब सरकार की वैबसाइट खुल जाती है। जहां हमारे बारे में रोजगार सेवा, विभाग के दस्तावेज, योजना, आर.टी.आई. व संपर्क से लेकर शिकायत के अलग-अलग हिन्दी में कॉलम बने हैं। वहीं नोटिस भी लिखा है कि ‘यह पृष्ठ हिन्दी में उपलब्ध नहीं है, कृपया करके अंग्रेजी में पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करें। खास बात है कि यह बातें हिन्दी में ही लिखी हुई हैं।
हिन्दी हिन्दुस्तान की भाषा
आर.टी.आई. एक्टिविस्ट एड. पी.सी. शर्मा कहते हैं कि हिन्दी तो हिन्दुस्तान की भाषा है। हिन्दी मधुर भाषा है। हमें देश की सभी भाषाओं का आदर करना चाहिए। पंजाब सरकार की वैबसाइट पर हिन्दी में ‘हिन्दी’ के बारे में लिखी इन लाइनों पर मैं भी गौर न फरमाता जब तक इस बिन्दु पर सोचा नहीं होता, यह बिना खबर की ऐसी खबर है जो समाज को ‘खबरदार’ करती है।