पंजाब सरकार जारी करेगी विस्फोटक रिपोर्ट, कई कांग्रेसी नेताओं पर गिरेगी गाज

Edited By Sunita sarangal,Updated: 05 Oct, 2022 10:11 AM

punjab government is preparing to tighten the noose on many congress leaders

पंजाब के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस के अनुसार इस मामले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। रिपोर्ट सुनकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।

जालंधर: कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ केंद्रीय और पंजाब के नेताओं पर पंजाब सरकार का शिकंजा अब कसने वाला है। मामला गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान रोपड़ सैंट्रल जेल में ‘वी.आई.पी. ट्रीटमैंट’ देने का है। सरकार के पास इस बात के प्रमाण हैं कि कांग्रेस के वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं के निर्देशों पर पूर्व पंजाब सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर गैंगस्टर की पैरवी पर 55 लाख रुपए सरकारी खजाने से खर्च किए। 

पंजाब के जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस के अनुसार इस मामले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। रिपोर्ट सुनकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। इस मामले में संलिप्त जेल विभाग के अधिकारी भी बख्शे नहीं जाएंगे। जेल मंत्री बैंस ने कहा कि इस मामले में केवल पंजाब के ही नहीं बल्कि केंद्रीय स्तर के नेताओं के नाम आ रहे हैं और इस मामले में जांच रिपोर्ट विस्फोट से कम नहीं होगी। किसके आदेशों पर मुख्तार अंसारी को वी.वी.आई.पी. रिहायश, हर सुविधा दी गई थी और उसकी पैरवी की गई जिस पर 55 लाख से अधिक का खर्च जेल विभाग ने किया। अंसारी को यू.पी. की बांदा जेल से लाए जाने के बाद रंगदारी के एक मामले में जनवरी 2019 में पंजाब की रोपड़ जेल में रखा गया था।

2 साल 3 महीने तक दी सभी सुविधाएं 

गैंगस्टर अंसारी को 25 से अधिक कैदियों वाले एक सैल में रखा गया था जहां उसके पास सभी सुविधाएं थीं। पंजाब सरकार के दावे के मुताबिक इस स्पैशल सैल में अक्सर उनकी पत्नी भी उनके साथ रहती थी। मोहाली में गैंगस्टर के खिलाफ रोपड़ जेल में बंद करने के लिए फर्जी प्राथमिकी दर्ज की गई और उसे 2 साल 3 महीने तक सभी सुविधाएं दी गईं। इस मामले में चालान भी पेश नहीं किया गया, जबकि अतीत की सरकार ने अंसारी को इस कदर सुरक्षित रखा कि यू.पी. सरकार ने गैंगस्टर को कम से कम 25 बार पेशी वारंट पर लेने की कोशिश की, लेकिन तत्कालीन सरकार ने उनको हिरासत नहीं दी। सुप्रीम कोर्ट में गई यू.पी. सरकार के विरुद्ध पंजाब ने गैंगस्टर अंसारी को बचाने के लिए वकीलों पर 55 लाख रुपए खर्च दिए जिसकी फीस पंजाब के खजाने से अदा की गई।

पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा पहले ही आ चुके हैं राडार पर 

अंसारी के पास जेल में मोबाइल फोन भी थे। जांच की जा रही है कि अंसारी को वी.वी.आई.पी. ट्रीटमैंट और उसकी पैरवी पर किस केंद्रीय कांग्रेसी नेता ने तत्कालीन पंजाब सरकार को निर्देश दिए थे। ‘आप’ सरकार पंजाब के पूर्व जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा को इस मामले में राडार पर ले चुकी है क्योंकि तब जेल विभाग उनके पास था। गत 3 अक्तूबर को पंजाब विधानसभा सत्र में मंत्री अमन अरोड़ा समेत कुछ अन्य मंत्रियों ने सदन में कहा था कि विपक्षी कांग्रेस के नजर आ रहे विधायकों और पूर्व मंत्रियों में से कई जेल की हवा खाने वाले हैं। जांच दल के पास इस बात की जानकारी है कि कुछ तत्कालीन मंत्रियों को कांग्रेस के केंद्रीय नेता सीधे निर्देश देते रहे हैं। जांच में पता चला है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने प्रति सुनवाई 11 लाख रुपए और वकील की फीस पर कुल 55 लाख रुपए खर्च कर अंसारी का केस लड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील को लगाया था। उस दिन भी कथित तौर पर 5 लाख रुपए चार्ज किए जिस दिन सुनवाई नहीं हुई।

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