पंजाब सरकार का रोजगार कार्यक्रम: मासिक बेरोजगारी भत्ता बांटने के लिए सवा 2 करोड़ महीने का खर्च

Edited By swetha,Updated: 12 Sep, 2019 11:59 AM

punjab government employment scheme

सरकार का आंकड़ा : किस जिले में कितने बेरोजगारों को मिला रोजगार

जालंधर(नरेंद्र मोहन): पूरे 4 वर्ष से अधिक समय लगाकर और 25 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर भी पंजाब सरकार राज्य में सिर्फ  करीब 600 ऐसे बेरोजगार ढूंढ पाई है जो वास्तव में बेरोजगार हैं और बेरोजगारी भत्ते के योग्य हैं। ऐसे बेरोजगारों को सरकार 2,500 रुपए प्रतिमाह भत्ता देने की बजाय सिर्फ 150 रुपए प्रतिमाह भत्ता दे रही है। सत्ता में आने से पहले राज्य की कांग्रेस सरकार ने घर-घर जाकर बेरोजगारों की सूची तैयार की थी और 28.50 लाख बेरोजगारों को पंजीकृत किया था। वर्ष 2015 से लेकर वर्ष 2018-19 तक सरकारें सिर्फ  341 लोगों को ही सरकारी नौकरियां दे पाई हैं। सरकार के आंकड़ों में राज्य में सिर्फ  6 लाख लोगों ने ही नौकरियों के लिए अपना पंजीकरण करवाया है। दुर्भाग्य तो यह भी है कि पंजाब सरकार के मुख्यालय के पास राज्य के तमाम बेरोजगारों का संकलित डाटा भी नहीं है।
कांग्रेस ने चुनाव घोषणा पत्र में कहा था-2,500 रुपए बेरोजगारी भत्ता देगी 


यह बात कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में थी कि वह सत्ता में आने के बाद बेरोजगारों को प्रतिमाह 2,500 रुपए का बेरोजगारी भत्ता देगी और यह भत्ता 3 वर्ष तक अथवा नौकरी मिलने तक दिया जाता रहेगा। पंजाब में कैप्टन सरकार बने करीब अढ़ाई वर्ष गुजर चुके हैं परन्तु सरकार की तरफ  से इस संदर्भ में कोई संकेत नहीं दिया जा रहा। राज्य में फिलहाल वही पुराना बेकारी भत्ता दिया जा रहा है जिसमें सामान्य श्रेणी, एस.सी., बी.सी. बेरोजगार को 150 रुपए से 200 रुपए प्रतिमाह, हड्डी रोग पीड़ित को प्रतिमाह 225 रुपए से 300 रुपए, दिव्यांग इत्यादि को 400 से 600 रुपए प्रतिमाह शामिल है। 

सरकार का आंकड़ा : किस जिले में कितने बेरोजगारों को मिला रोजगार 
12 जिलों के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार मुख्यमंत्री के क्षेत्र पटियाला के जिला रोजगार केन्द्र की रिपोर्ट अनुसार 5 वर्षों में एक भी बेरोजगार को बेकारी भत्ता नहीं दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के पैतृक जिला मुक्तसर में भी पिछले 5 वर्षों में बेकारी भत्ते के काबिल एक भी युवा को पंजीकृत नहीं हुआ। पंजाब के रोजगार विभाग के मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के जिला फतेहगढ़ साहिब में 5 वर्ष में एक भी युवा को भत्ता नहीं दिया। 

  •  पटियाला जिले में पटियाला, नाभा, समाना और राजपुरा के रोजगार केन्द्रों को मिलाकर स्टाफ  के वेतन और अन्य मदों पर 4.17 करोड़ रुपए सालाना से अधिक का खर्च हुआ। इन केन्द्रों में वर्ष 2015-16 से अब तक 44 लोगों को प्रतिवर्ष सवा लाख रुपए बेकारी भत्ता दिया गया जबकि 56 लोगों को सरकारी नौकरी व प्राइवेट नौकरियां जो दिलवाई गईं वे हैल्पर, सेवादार, स्वीपर, बावर्ची, आप्रेटर, सेल्ज कर्मचारी और बीमा कंपनी के एजैंट के रूप में थीं।  
  •  पठानकोट में वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक रोजगार केंद्र के कर्मचारियों के वेतन भत्तों पर 1.45 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च हुई। इन 4 वर्षों में 19 लोगों को 35,100 रुपए बेकारी भत्ता दिया गया और 7 लोगों को चतुर्थ श्रेणी में सरकारी नौकरी दी गई। 
  •  रोजगार सृजन मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के पैतृक जिला फतेहगढ़ साहिब में वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक 1.95 करोड़ रुपए रोजगार विभाग के कर्मचारियों पर खर्च हुए और इन 4 वर्षों में महज 16 लोगों को 33,900 रुपए का बेरोजगारी भत्ता दिया गया। एक भी दिव्यांग और सामान्य को नौकरी नहीं मिली।
  •  मुक्तसर जिले में वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक रोजगार विभाग पर 81.53 लाख रुपए खर्च किए गए परन्तु न तो किसी को सरकारी नौकरी मिली और न ही बेकारी भत्ता मिला।
  •  अमृतसर में वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक रोजगार विभाग के कार्यालय पर 3.92 करोड़ से अधिक रुपए खर्च हुए इस दौरान 264 लोगों को 2.86 लाख रुपए बेरोजगारी भत्ता दिया गया जबकि 43 लोगों को सरकारी नौकरी दी गई। 
  •  फरीदकोट में वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक रोजगार कर्मचारियों पर 1.06 करोड़ खर्च हुए। न तो किसी को सरकारी नौकरी मिली और न ही बेरोजगारी भत्ता। 
  •  होशियारपुर में वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक 2.44 करोड़ से अधिक राशि खर्च हुई और महज 36 लोगों को 52,350 रुपए भत्ता दिया गया। 21 दिव्यांग लोगों को नौकरी मिली जबकि एक भी सामान्य युवा को सरकारी नौकरी नहीं मिली।
  •  फिरोजपुर और जीरा के रोजगार कार्यालयों पर वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक 2.01 करोड़ रुपए खर्च हुए परन्तु किसी को बेकारी भत्ता नहीं दिया गया और इन 4 सालों में सिर्फ  5 लोगों को सरकारी नौकरी दी गई, वह भी चतुर्थ श्रेणी की।
  •   संगरूर में वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक रोजगार कार्यालय के कर्मचारियों पर 2.92 करोड़ से अधिक खर्च हुए और 81 लोगों को 1.94 लाख रुपए बोरोजगारी भत्ता दिया गया।  
  •  बरनाला में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक रोजगार कार्यालय पर 1.10 करोड़ रुपए खर्च हुए। इन वर्षों में 36 लोगों को 86,000 की राशि दी गई और किसी को भी सरकारी नौकरी नहीं मिली।
  • जालंधर जिले में वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक 2.17 करोड़ रुपए रोजगार कार्यालय के कर्मचारियों पर खर्च किए गए और इन वर्षों में 5 लोगों को सरकारी नौकरी मिली और बेरोजगारी भत्ता भी 5 लोगों को मिला।
  • तरनतारन जिले में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2018-19 तक रोजगार कार्यालयों पर 1.38 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इन 4 वर्षों में बेरोजगारों को 74,000 रुपए का बेरोजगारी भत्ता दिया गया, 58 लोगों को सरकारी नौकरी दी गई।
  • चन्नी का दावा : 8 लाख युवाओं को रोजगार दिया 
  • रोजगार सृजन मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का कहना था कि निजी क्षेत्र में युवाओं को उनकी योग्यता अनुसार नौकरियां दी जा रही हैं और अब तक सरकारी, निजी क्षेत्र में और स्व: रोजगार के रूप में 8 लाख युवाओं को रोजगार दिया जा चुका है जबकि शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया का आरोप था कि सरकार जिन आश्वासनों के साथ सत्ता में आई थी, अब उन्हें भूल गई है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!