पंजाब सरकार ने घर खरीदने वालों के हितों की रक्षा के लिए बनाया ‘रेरा’

Edited By swetha,Updated: 19 Mar, 2020 01:14 PM

punjab government created  rara  to protect the interests of home buyers

अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को मकानों व प्लाटों की अलाटमैंट में आरक्षण की सुविधा को 15 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया तोहफा

जालंधर(सुनील धवन): पंजाब सरकार द्वारा घर खरीदने वालों के हितों की रक्षा और रीयल एस्टेट सैक्टर को रैगुलेट करने के लिए राज्य में रीयल एस्टेट रैगुलेटरी एक्ट (रेरा) लागू किया गया है। इस कानून को लागू करने वाला पंजाब देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की पहल के बाद ‘रेरा’ को अस्तित्व में लाया गया। रीयल एस्टेट रैगुलेटरी एक्ट 1 मई 2017 को पंजाब में लागू किया गया था और मकान निर्माण व शहरी विकास विभाग पंजाब द्वारा रीयल एस्टेट (रैगुलेशन व डिवैल्पमैंट) नियम 2017 दिनांक 8 जून 2017 को नोटीफाइड किया गया। 

शहरी क्षेत्रों में जायदाद खरीदने वालों के हितों की रक्षा के लिए इस एक्ट की धारा 3(1) में अनिवार्य किया गया कि कोई भी प्रोमोटर इस एक्ट के तहत कायम की गई रीयल एस्टेट रैगुलेटरी अथारिटी से अपना प्रोजैक्ट रजिस्टर्ड करवाए बिना कोई भी विज्ञापन जारी नहीं कर सकेगा और न ही उस प्लाट/फ्लैट/इमारत को बेचने के लिए ग्राहक को पेशकश कर सकेगा। वर्णनयोग्य है कि ‘रेरा’ का उद्देश्य रीयल एस्टेट सैक्टर को उत्साहित करना तथा पारदॢशता लाना है। इस एक्ट के अनुसार कोई भी रीयल एस्टेट एजैंट  ‘रेरा’ से रजिस्ट्रेशन प्राप्त किए बिना किसी भी अचल जायदाद प्रोजैक्ट में कोई प्लाट, अपार्टमैंट या इमारत नहीं बेच सकेगा। 

 जायदाद खरीदने वालों से होने वाली धोखाधड़ी की घटनाओं को खत्म करवाया
मकान निर्माण व शहरी विकास मंत्री स. सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने कहा कि ‘रेरा’ के अस्तित्व में आने से शहरों में मकान व अन्य जायदाद खरीदने वालों को बड़ी सहूलियत मिली है। इस कानून में जहां खरीदारों के हितों की रक्षा को यकीनी बनाया गया है, वहीं पर यह रीयल एस्टेट से जुड़े लोगों में बराबर की मुकाबलेबाजी को उत्साहित भी करता है। इस कानून से पहले फ्लैट या किसी और जायदाद के खरीदारों को समय पर तथा किए गए वायदे के अनुसार कब्जा न मिलने संबंधी काफी शिकायतें आती थीं पर इस कानून के लागू होने के बाद रीयल एस्टेट का काम सुचारू रूप से शुरू हो गया है। कुल मिलाकर ‘रेरा’ को लागू करने से जायदाद खरीदने वालों के साथ होने वाली धोखाधड़ी को समाप्त कर दिया गया है। 
 
अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को मकानों व प्लाटों की अलाटमैंट में आरक्षण की सुविधा को 15 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया तोहफा

  पंजाब में  मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने जहां एक तरफ अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित अनेकों कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है, वहीं पर दूसरी ओर कैप्टन सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को मकानों व प्लाटों की अलाटमैंट में आरक्षण की सुविधा को 15 से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करके एक और तोहफा दिया है। इस फैसले से अलग-अलग अलाटमैंट स्कीमों में पंजाब भर में लगभग 175 अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित लोगों को लाभ मिल चुका है। कैप्टन सरकार के इस फैसले को अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित सांसदों व विधायकों ने भी सराहा है। कांग्रेसी सांसद चौधरी संतोख सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं। इसमें अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को आवास देने के लिए प्लाटों की अलाटमैंट के समय आरक्षण की सुविधा को बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों के अंदर असुरक्षा की भावना दूर होगी। कांग्रेसी सांसद ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग में अनेकों लोग ऐसे हैं, जो अब भी स्थायी आवास नहीं बना सके हैं। आरक्षण का लाभ अधिक मिलने से अब उन्हें अधिक से अधिक प्लाट व फ्लैट मिल पाएंगे। 

अनुसूचित जाति को हमेशा पहल के आधार पर लाभ
इसी तरह से अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित कांग्रेस विधायक चौधरी सुरिन्द्र सिंह ने कहा कि कैप्टन सरकार सदैव ही अनुसूचित जाति वर्ग की हितैषी रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कैप्टन सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग को अब आरक्षण की सुविधा को बढ़ाते हुए लाभ दिया है, उससे इस वर्ग के लोगों के अंदर सरकार को लेकर खुशी की लहर पाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में जब-जब कांग्रेस की सरकारें अस्तित्व में आई हैं, तब-तब अनुसूचित जाति वर्ग को लेकर हमेशा पहल की गई है। कांग्रेसी विधायक सुशील रिंकू ने कहा कि मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह की अनुसूचित जाति वर्ग के प्रति दूरदर्शी सोच की बदौलत ही पंजाब में इस वर्ग के लोगों के अंदर सामाजिक सुरक्षा की भावना पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि अब अनुसूचित जाति वर्ग के लोग मकानों व प्लाटों की अलाटमैंट के समय अधिक से अधिक लाभ उठाने की स्थिति में होंगे। 

जालंधर जिले में 210 लाभ पात्रों को पांच-पांच मरले के प्लाट सरकार द्वारा अलाट किए गए
सरकार की 5 मरला प्लाट स्कीम के तहत जालंधर जिले में पिछले 2 वर्षों में 210 लाभपात्रियों को पांच-पांच मरले के प्लाट अलाट किए गए हैं । इस बारे जानकारी देते हुए डीडीपीओ इकबाल जीत सिंह ने बताया कि पिछले 3 वर्षों में जिले में रूरल एरिया के तहत दलितों व गरीब बी.सी. वर्ग के लोगों को 5-5 मरला प्लाट देने के तहत अर्जियां मांगी गई थी ।इसके अधीन विभाग के पास 13159 अर्जियां प्राप्त हुई थी जिनकी वेरिफिकेशन के बाद 955 अर्जियां को योग्य करार दिया गया। जब कि ।946 अर्जियां को अयोग्य करार दिया गया । इनमें से 4258 अर्जियों  की अभी वेरिफिकेशन चल रही है। डीडीपीओ ने बताया कि अभी तक पिछले 2 वर्षों में दलितों और गरीब बीसी वर्ग के लोगों को 210 प्लाट अलाट किए जा चुके हैं। इनमें से नकोदर ब्लॉक में 104 तथा नूरमहल ब्लॉक में 106 प्लाट अलाट किए गए हैं । 
उन्होंने बताया कि प्लाटों को अलॉट करने की प्रक्रिया के तहत मुख्य शर्तें निम्नलिखित हैं । पहली शर्त यह कि लाभपात्री एस.सी. ओ.बी.सी. वर्ग से होना चाहिए। वह विवाहित होना चाहिए । रूरल स्कीम के तहत लाभपात्री ग्रामीण इलाके का निवासी हो ,वह बेघर हो। अगर वह संयुक्त परिवार में रहता है और उसके पास रहने के लिए कमरा भी नहीं है तब भी वह इस स्कीम के तहत अर्जी दाखिल कर सकता है। अर्जी लेने के लिए ग्राम पंचायत द्वारा जर्नल बैठक बुलाई जाती है जिसमें अर्जियां लेकर बी.डी.ओ. को भेजी जाती हैं। बी.डी.ओ अर्जियों की जांच करने के बाद उन्हें एसडीएम के पास भेजता है । जहां से स्क्रूटनी के बाद अर्जियों को डीडीपीओ के पास वापस भेजा जाता है । डीडीपीओ सभी अर्जियों को एडीसीडी के पास भेजता है एडीसीडी द्वारा जिन अर्जियों को अनुमति प्रदान की जाती है उन्हें प्लाट अलॉटमेंट होते हैं।


कैप्टन सरकार में बुजुर्गों व औरतों का बड़ा सम्मान
 मकान निर्माण व शहरी विकास विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों से प्रदेश में रह रहे बुजुर्ग नागरिकों और औरतों को अपनी सभी अलॉटमैंट स्कीमों में प्राथमिकता के आधार पर अलॉटमैंट देने का फैसला किया है। इस स्कीम के तहत मोहाली, पटियाला, गुरदासपुर और बङ्क्षठडा में 500 से ज्यादा औरतों व बुजुर्ग नागरिकों को लाभ दिया है। इस योजना में सबसे बड़ी बात यह है कि सरकार ने यह सुविधा देने के लिए कोई ज्यादा कठिन शर्तें भी नहीं रखीं। इसके तहत सिर्फ यह शर्त लगाई गई है कि सीनियर सिटीजन बुजुर्ग की उम्र 60 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए और वह पंजाब का ही रहने वाला होना चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं पर उम्र की कोई शर्त नहीं है लेकिन इतना कहा गया है कि उनके पास देश में कहीं भी प्लाट या मकान न हो। इस योजना के तहत अब तक पंजाब सरकार ने जिन-जिन शहरों में कालोनियों के प्लाटों की अलाटमैंट की है उनमें तो यह सुविधा देनी शुरू कर दी है और भविष्य में जिस किसी शहर में हाऊसिंग एंड अर्बन डिवैल्पमैंट अथॉरिटी की तरफ से कालोनियां बनाई जाएंगी उनमें महिलाओं और सीनियर सिटीजनों को पहल के आधार पर प्लाट अलाट करने की सुविधा जारी रहेगी। कै. अमरिंदर सिंह की सरकार ने 3 वर्षों में यहां बुजुर्गों को पैंशन देने व उनकी पैंशन में बढ़ौतरी करने का बड़ा फैसला किया है, उसके साथ ही महिलाओं के विकास व भलाई के लिए भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार अनेक फैसले कर चुकी है। पंचायती राज संस्थाओं में और लोकल बॉडीज में औरतों के लिए 50 फीसदी सीटें रिजर्व की गई हैं। इसी के साथ सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, पढ़ाई, इलाज व अन्य क्षेत्रों में भी कई बड़े ऐलान किए हैं।

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