Edited By Updated: 01 Feb, 2017 10:35 AM
5 राज्यों के चुनावी नतीजों के ऐलान के बाद कांग्रेस द्वारा संगठनात्मक चुनावों को सम्पन्न करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
जालंधर (धवन): 5 राज्यों के चुनावी नतीजों के ऐलान के बाद कांग्रेस द्वारा संगठनात्मक चुनावों को सम्पन्न करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने कल कांग्रेस को जून महीने तक अपने आंतरिक चुनाव सम्पन्न करने के लिए कहा था। देश में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पार्टी की बागडोर अब युवराज राहुल गांधी के हवाले की जा सकती है। पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कै. अमरेन्द्र सिंह ने भी राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपने की खुलेआम वकालत कर दी है। यद्यपि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने राहुल को बागडोर सौंपने का निर्णय अंतत: लेना है परंतु ऐसी चर्चाएं हैं कि अब सोनिया राहुल की ताजपोशी के लिए तैयार हैं। कांग्रेस ने 16 दिसम्बर 2016 को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा था कि उसे अपने संगठनात्मक चुनाव 31 दिसम्बर 2017 तक सम्पन्न करने की मंजूरी दी जाए। कांग्रेस ने इसके लिए 5 राज्यों के चुनावों को आधार बनाया था। इससे पहले भी पार्टी ने अध्यक्ष पद का चुनाव करवाने के लिए समय लिया था। नियमों के अनुसार सभी पंजीकृत पार्टियों को अपने आंतरिक चुनाव हर वर्ष करवाने होते हैं।
चुनाव आयोग ने कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से कहा है कि वह अपने सभी पदाधिकारियों, कमेटियों के सदस्यों की पूरी सूची 15 जुलाई 2017 तक चुनाव आयोग के पास जमा करवा दे। कांग्रेस की कार्यसमिति की अंतिम बैठक 7 नवम्बर 2016 को हुई थी जिसमें पार्टी ने सोनिया गांधी की अध्यक्ष के रूप में अवधि को दिसम्बर 2017 तक बढ़ाने का प्रस्ताव पारित किया था। कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि इसका अर्थ यह नहीं है कि राहुल गांधी को पार्टी की कमान संभालने के लिए दिसम्बर 2017 तक इंतजार करना पड़ेगा। राहुल की ताजपोशी सोनिया द्वारा कभी भी की जा सकती है। कांग्रेस को उम्मीद है कि 5 राज्यों के चुनावी नतीजे उसके पक्ष में जाएंगे तथा उसके बाद राहुल को ऐसे माहौल में पार्टी की कमान सौंपना उचित रहेगा। कांग्रेस कार्यसमिति के 32 सदस्यों ने 46 वर्षीय राहुल को पार्टी के उच्च पद को स्वीकार करने का आग्रह किया है।
वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि अब राहुल के हाथों में कमान आने में लम्बा समय शेष नहीं है। कांग्रेस का संविधान कांग्रेस कार्यसमिति को पार्टी अध्यक्ष बनाने संबंधी फैसले लेने की विशेष शक्तियां देता है। राहुल के नजदीकी नेता मानते हैं कि सोनिया के साथ-साथ उनकी पुत्री प्रियंका गांधी भी अब इस बात पर एकमत है कि राहुल को आगे लाने का समय आ चुका है।