Edited By Updated: 28 Dec, 2016 02:50 AM
पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्रीय चुनाव आयोग से राज्य में हथियारों के प्रसार पर तुरंत रोक लगाने हेतु पंजाब पुलिस को निर्देश देने की मांग की है ताकि राज्य में अराजगता के हालात पैदा न हो सकें।
जालंधर (धवन): पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्रीय चुनाव आयोग से राज्य में हथियारों के प्रसार पर तुरंत रोक लगाने हेतु पंजाब पुलिस को निर्देश देने की मांग की है ताकि राज्य में अराजगता के हालात पैदा न हो सकें। इस क्रम में सोमवार को एक गोलीबारी की घटना में एक व्यक्ति की मौत और 2 के जख्मी हो जाने से राज्य भर में हुई हिंसक घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य के हालात बेहद खराब हो चुके हैं तथा इस संकटपूर्ण स्थिति को देखते हुए चुनाव आयोग को तुरंत दखल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग को तुरंत विधानसभा चुनावों का ऐलान करते हुए आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू कर देनी चाहिए।
उन्होंने खुलासा किया है कि पंजाब पुलिस चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार हथियारों को सरैंडर करवाने में विफल रही है तथा यह बादल सरकार के इशारे पर रची जा रही साजिश प्रतीत होती है ताकि हथियारबंद आपराधिक तत्व चुनावों के दौरान लोगों को डरा-धमका कर उन पर अकाली दल के हक में वोट दिलवाने की कोशिशें कर सकें। उन्होंने कपूरथला में जमीनी विवाद को लेकर गोलाबारी की एक अन्य घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इस तेजाबी हमले में 9 महिलाएं घायल हो गईं। कैप्टन ने कहा कि दोनों घटनाओं में हिंसा बरपाने वाले हमलावरों की निर्दयता स्पष्ट इशारा कर रही है कि राज्य में आपराधिक तत्वों के अंदर कानून का कोई भय नहीं है जो पुलिस से भी नहीं डर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटनाएं बादल शासन में कानून व्यवस्था की पूरी तरह से बदहाली का खुलासा करती हैं जिसने हथियारबंद गिरोहों, अपराधियों व माफिया को पूरी तरह से आजादी दे रखी है ताकि वह राज्य में आतंक मचा सकें।
कोड ऑफ कंडक्ट लगने पर हथियार जमा करवाए जाएंगे
पंजाब में अगले वर्ष के शुरू में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा कोड ऑफ कंडक्ट लगाने के बाद ही हथियारों को जमा करवाने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू होगा। यद्यपि विभिन्न जिलों में पुलिस ने लोगों के हथियारों की सूचियां तैयार की हैं तथा उनसे हथियार जमा करवाने के लिए कहा जा रहा है परंतु इसके बावजूद अभी यह कार्य बड़े स्तर पर होना बाकी है। पुलिस के आलाधिकारियों का मानना है कि जब कोड ऑफ कंडक्ट लग जाएगा तो ही पुलिस पूरी तरह से मैदान में आकर हथियारों को जमा करवाने का अभियान युद्ध स्तर पर शुरू करेगी।