Edited By Updated: 09 Dec, 2016 12:30 PM
चुनावी बिगुल बज चुका है। सत्तापक्ष ने मोगा रैली से इसका शंखनाद भी कर दिया है, लेकिन सतारूढ़ के इस तरह के कार्यक्रमों से ट्रांसपोर्टज
जालंधर (पुनीत): चुनावी बिगुल बज चुका है। सत्तापक्ष ने मोगा रैली से इसका शंखनाद भी कर दिया है, लेकिन सतारूढ़ के इस तरह के कार्यक्रमों से ट्रांसपोर्टज सहित विभिन्न वर्गों को परेशानी उठानी पड़ी, क्योंकि प्रशासन द्वारा सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी गई। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मोगा में आयोजित की गई रैली में जहां सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई, वहीं प्राइवेट कर्मचारियों को भी जबरदस्ती ड्यूटी पर भेज दिया गया, जिससे पब्लिक को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
जानकारी के अनुसार रोडवेज के डिपो में बनाए गए ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक में कर्मचारी कार्यरत प्राइवेट कंपनी स्मार्ट चिप कंपनी के स्टाफ के परम, सन्नी, शुभम, अमित, प्रिंस, हरदीप इत्यादि को मोगा में ड्यूटी देनी पड़ी। कर्मचारियों की कमी के चलते ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक पर अपने काम से आए लोगों की लंबी कतारें देखने को मिली। कर्मचारियों के अभाव में परेशानी उठा रही जनता का कहना था कि रोजाना वह बैंकों में से पैसा निकलवाने के लिए लाइनों में लगने को मजबूर हैं और अब कर्मचारियों के अभाव में उन्हें अपना काम करवाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
सूत्र बताते हैं कि मोगा रैली को सफल बनाने के लिए जिले से संबंधित 400 के करीब बसें वगार पर मोगा भेजी गई। इनमें प्राइवेट ट्रांसपोर्टज के साथ-साथ शिक्षण संस्थाओं की बसें भी शामिल हैं। बताया जाता है कि बीते दिनों हुए एक अन्य कार्यक्रम में भी वगार पर बसें भेजी गई थी, जिसके चलते ट्रांसपोर्टज को परेशानियों का सामना करना पड़ा था। बताया जाता है कि चुनावों के नजदीक वगार का यह खेल सातरूढ़ पार्टी को
नुक्सान पहुंचा सकता है।