Edited By Sunita sarangal,Updated: 01 Oct, 2021 01:21 PM
एक तरफ पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को समय के साथ चलने हेतु मुफ्त शिक्षा और मिड-डे मील जैसी सुविधा मुहैया कराने का गुणगान कर रही है।
समराला (बंगड, गर्ग): एक तरफ पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को समय के साथ चलने हेतु मुफ्त शिक्षा और मिड-डे मील जैसी सुविधा मुहैया कराने का गुणगान कर रही है। वहीं दूसरी तरफ 10वीं व 12वीं पास और फेल हुए विद्यर्थियों को सर्टिफिकेट जारी करने के लिए करोड़ों रुपए ट्रांसफर करने की योजना पर भी काम कर रही है।
जानकारी के अनुसार 10वीं और 12वीं के सैशन 2020-21 दौरान पंजाब शिक्षा बोर्ड से संबधित निजी स्कूलो के साथ-साथ सरकारी स्कूलो में भी पास व फेल विद्यार्थियों को नई हिदायतों अनुसार ऑनलाइन पोर्टल पर प्रति सर्टिफिकेट 300 रुपए फीस की मांग रखी गई है। इस फीस संबंधी विद्यार्थियों को पहले बिल्कुल भी जानकारी नही थी, क्योंकि इससे पहले यह नियम लागू नहीं हुआ था। बोर्ड द्वारा ऐसा नियम जारी करने से अभिभावकों की जेब से करोड़ों रुपये छिन जाएंगे।
सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के अभिभावक शिक्षा बोर्ड के इस फैसेल से काफी निराश नजर आ रहे हैँ।
अभिभावको मांग है कि इस बोझ को उनके सिर से उतारा जाए। क्योंकि पंजाब बोर्ड ऑफ एजुकेशन के तहत चलने वाले सरकारी स्कूलों सहित ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों में ज्यादातर गरीब परिवार के बच्चे पढ़ रहे हैं। कोरोना की मार से पहले ही आर्थिक तंगी हो रखी है। इस संबंधी जब एक शिक्षा बोर्ड मैनेजर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि बोर्ड के उच्च अधिकारियों के फैसले हैं, हम इसमें कुछ नहीं कर सकते।
अभिभावकों का कहना है कि जब बोर्ड द्वारा जारी नियमों के अनुसार बच्चे पहले ही 9वीं व 11वीं रजिस्ट्रेशन फीस व 10वीं व 12वीं कंटीन्यूशन फीस के अलावा 10वीं व 12वीं के बोर्ड परीक्षा फीस जमा करवाई जा चुकी है। इसके बावजूद 300 रुपये की दर से सर्टिफिकेट के नाम पर बच्चों से करोड़ों रुपये वसूलने की गुंजाइश नहीं है।
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