Edited By swetha,Updated: 30 Jul, 2018 11:37 AM
इन दिनों नशों के मामले में पंजाब सरकार ने सख्त रवैया अपना रखा है जिसके तहत नशों के सौदागरों, तस्करों तथा उनके राजनीतिक आकाओं व संरक्षण देने वाले पुलिस अधिकारियों तक पर गाज गिर रही है। नशों की किस्म की बात करें तो पंजाब में सबसे ज्यादा सिंथैटिक...
जालंधर(खुराना): इन दिनों नशों के मामले में पंजाब सरकार ने सख्त रवैया अपना रखा है जिसके तहत नशों के सौदागरों, तस्करों तथा उनके राजनीतिक आकाओं व संरक्षण देने वाले पुलिस अधिकारियों तक पर गाज गिर रही है। नशों की किस्म की बात करें तो पंजाब में सबसे ज्यादा सिंथैटिक ड्रग्स यानी मैडीकल नशे बिकने के मामले सामने आ रहे हैं। नशों के रूप में प्रयुक्त होने वाली प्रतिबंधित दवाओं की खेप जिस प्रकार निरंतर ट्रांसपोर्ट कम्पनियों के जरिए दूसरे राज्यों से पंजाब आ रही हैं, उससे नशों का खात्मा करने में जुटे विभाग और पुलिस अधिकारी खासे परेशान हैं।
पिछले महीने 18 जून को लुधियाना एस.टी.एफ. की टीम ने नशों के सौदागरों पर शिकंजा कसते हुए एक तस्कर के घर छापेमारी करके भारी मात्रा में नशीली दवाएं बरामद की थीं और उस तस्कर की निशानदेही पर लुधियाना की जे.एस.के. ट्रांसपोर्ट कम्पनी के गोदाम पर छापेमारी की गई थी, जहां से भी एस.टी.एफ. की टीम को भारी मात्रा में नशीली व प्रतिबंधित दवाएं बरामद हुई थीं।तब एस.टी.एफ. के अधिकारियों ने स्पष्ट किया था कि उक्त ट्रांसपोर्ट कम्पनी के मालिक को केस में नामजद करके उससे पूछताछ की जाएगी कि प्रतिबंधित दवाओं को कहां से और किस बिल के आधार पर लुधियाना लाया गया। एस.टी.एफ. लुधियाना के अधिकारियों ने बताया कि अभी इस मामले में ट्रांसपोर्ट कम्पनी के मालिक का अता-पता नहीं लग पाया है और न ही उससे पूछताछ हो पाई है।
आगरा जाएगी एस.टी.एफ. की टीम
लुधियाना की एस.टी.एफ. टीम के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले का पर्दाफाश करने हेतु एस.टी.एफ. के अधिकारियों की एक टीम जल्द आगरा जाएगी, जहां से प्रतिबंधित नशीली दवाओं की खेप लुधियाना पहुंची थी वहां इन दवाओं को भेजने वाले व्यापारियों से सम्पर्क करके पता किया जाएगा कि उन्होंने किस बिल बिल्टी के आधार पर किस ट्रांसपोर्ट कम्पनी पर माल बुक किया और फिर उस जानकारी का लुधियाना स्थित ट्रांसपोर्ट से मिलान किया जाएगा। उसके बाद ही इस कार्य में लगी ट्रांसपोर्ट कम्पनियों का नैटवर्क ब्रेक हो पाएगा।
दो नम्बर के काम को शह दे रहे सरकारी अधिकारी
इस बीच आर.टी.आई. कार्यकत्र्ता रविन्द्रपाल सिंह चड्ढा ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि सेल्स टैक्स विभाग के बड़े अधिकारी ट्रांसपोर्ट कम्पनियों से सैटिंग करके दो नम्बर के माल को शह दे रहे हैं जिस कारण सरकार को करोड़ों रुपए के जी.एस.टी. व अन्य करों का नुक्सान हो रहा है।
श्री चड्ढा ने बताया कि उन्होंने नवम्बर 2017 में ई.टी.सी. को पत्र लिख कर अधिकारियों व ट्रांसपोर्ट कम्पनियों की मिलीभगत बारे सूचना दी थी परन्तु उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, उल्टे उनकी शिकायत को दाखिल दफ्तर करने संबंधी सिफारिश कर दी गई। श्री चड्ढा ने पत्र में आरोप लगाया कि जे.एस.के. ट्रांसपोर्ट कम्पनी के लुधियाना स्थित गोदाम से जो नशीली दवाएं पकड़ी गईं वह बिना बिल दो नम्बर में लाई गई थीं। इस मामले में सेल्स टैक्स अधिकारियों की मिलीभगत की जांच भी एस.टी.एफ. द्वारा करवाई जाए और 2 नम्बर का काम करने वाली ट्रांसपोर्ट कम्पनियों पर सख्ती की जाए।