Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Feb, 2018 09:33 PM
कैप्टन अमरेंद्र सिंह भले ही साफ कर चुके हैं कि लुधियाना नगर निगम चुनाव के तुरंत बाद पंजाब मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा लेकिन इसके तहत नए ब...
लुधियाना(हितेश): कैप्टन अमरेंद्र सिंह भले ही साफ कर चुके हैं कि लुधियाना नगर निगम चुनाव के तुरंत बाद पंजाब मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया जाएगा लेकिन इसके तहत नए बनने वाले मंत्रिओं के नामों बारे फैसला लेने के लिए सी एम द्वारा एक बार फिर से राहुल गांधी के साथ मीटिंग की जाएगी जिसकी पुष्टि खुद पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ ने की है। यहां बताना उचित होगा कि पंजाब में कांग्रेस सरकार बने अगले महीने एक साल पूरा हो जाएगा लेकिन पूर्ण बहुमत मिलने के बावजूद अब तक पूरे मंत्री नहीं बनाए गए जिसकी सबसे बड़ी वजह दावेदारों की फौज के मुकाबले मंत्री पद काफी कम होना रही है क्योंकि अगर मंत्री बनाते समय किसी सीनियर को नजरअंदाज किया गया तो पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ सकता है
इसके अलावा नए बनने वाले मंत्रिओं के नामों के बारे में राहुल गांधी व कैप्टन के बीच सहमति न बन पाने कारण भी मंत्रिमंडल विस्तार एक के बाद करके लटकता रहा क्योंकि कैप्टन द्वारा सीनियर या अपने करीबी विधायकों को मंत्री बनाने की सिफारिश की जा रही है और राहुल द्वारा दूसरी बार जीते युवा चेहरों को एडजस्ट करने के लिए दबाव बनाया गया है। इस कारण हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर मंत्रिमंडल विस्तार पेंडिंग कर दिया गया लेकिन जब से राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा लिया गया है उसके बाद से साफ हो गया है कि मंत्रीमंडल का विस्तार जल्द होने जा रहा है जिसके लिए कैप्टन द्वारा नगर निगम लुधियाना के चुनाव के बाद की डेडलाइन भी दी जा चुकी है
इसी बीच बुधवार को कैप्टन व जाखड़ ने राहुल गांधी के साथ करीब 40 मिनट तक मुलाकात की जिसे लेकर कैबिनेट के विस्तार बारे चर्चा होने की अटकलें लगाई जा रही है लेकिन जाखड़ ने साफ कर दिया है कि मीटिंग में सिर्फ कांग्रेस का अधिवेशन पंजाब में करने के लिए आग्रह किया गया है जहां तक नए बनने वाले मंत्रिओं के नामों का सवाल है उस बारे में फैसला लेने के लिए लुधियाना नगर निगम चुनाव के बाद कैप्टन द्वारा फिर से राहुल गांधी के साथ मीटिंग की जाएगी।
2019 के मद्देनजर हिंदुओं का कोटा बढ़ाने बारे रखा जा रहा है ध्यान
जहां तक कैबिनेट विस्तार के लिए अब तक हुई कवायद को लेकर खबरें सामने आ रही है उसमें अहम पहलू जातीय समीकरण बनाकर रखने का है जिसके तहत अब तक जाट व दलित मंत्रिओं का अनुपात बराबर है जबकि हिन्दू मंत्री सिर्फ एक ही है इस दौर में विधानसभा व नगर निगम के अब तक हुए चुनावों में शहरों में से मिली सफलता के मद्देनजर हिंदू वर्ग की प्रतिनिधिता बढ़ाई जा सकती है जिसके तहत राहुल गांधी की टीम के रूप में विजय इन्द्र सिंगला व भारत भूषण आशु का नाम क्लियर होने की चर्चा है सियासी जानकारों के मुताबिक कैबिनेट में हिंदू मंत्रिओं की संख्या को बढ़ाना 2019 के लिए भी जरूरी है क्योंकि अगामी लोकसभा चुनाव में हिंदू एजेंडा अपनाने के संकेत भाजपा ने अभी से देने शुरू कर दिए हैं।
इन नामों की भी हो रही चर्चा
जहां तक जाट समुदाय में से नये शामिल किए जाने वाले मंत्रिओं का सवाल है उसके तहत फिलहाल कुलजीत नागरा व गुरप्रीत कानगड का नाम राहुल गांधी के साथ हुई पहली मीटिंग में फ ाइनल होने की चर्चा है इसके अलावा काका रणदीप सिंह व राणा गुरमीत सोढ़ी का नाम भी सुनने को मिल रहा है जबकि यूथ कांग्रेस के प्रधान राजा वडिंग को मंत्री बनाने की जगह ओ बी सी केटेगरी से संगत सिंह गिलजीयां को जगह मिल सकती है।
डिप्टी सी एम को लेकर सस्पेंस बरकरार
जब 10 साल के बाद पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी तो डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा भी चली थी जिसमें मनप्रीत बादल व नवजोत सिधु का नाम सामने आया लेकिन कैप्टन द्वारा स्टैंड लेने कारण इन दोनों को सफलता नहीं मिली अब फिर डिप्टी सीएम बनाने की मांग की जा रही है जिसे लेकर एक दावेदार मनप्रीत बादल तो कांग्रेस में डिप्टी सीएम का पद ही न होने की बात कह चुके हैं जबकि सिधु सहित कैप्टन व कांग्रेस के किसी अन्य बड़े नेता का ब्यान न आने कारण डिप्टी सीएम बनाने को लेकर फिलहाल सस्पेंस बना हुआ है