Edited By Vatika,Updated: 23 Feb, 2019 08:22 AM
तुझे फुर्सत मिले तो गिन लेना, कितने वायदे उधार हैं तुझ पर’। इसी शेर के साथ पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने विधानसभा में बजट सैशन के दौरान शायराना अंदाज में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैंने बजट को...
चंडीगढ़(अश्वनी): ‘तुझे फुर्सत मिले तो गिन लेना, कितने वायदे उधार हैं तुझ पर’। इसी शेर के साथ पूर्व वित्त मंत्री परमिंदर सिंह ढींडसा ने विधानसभा में बजट सैशन के दौरान शायराना अंदाज में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैंने बजट को ध्यानपूर्वक पढ़ा तो सोचा अब क्या करूं। फिर रात को मेरे भी सपने में ‘अलामा इकबाल’ आ गए।
दरअसल, वित्त मंत्री ने जब बजट पढ़ा था तो उन्होंने बजट भाषण के दौरान प्रदेश की आर्थिक कठिनाइयों का हवाला देते हुए मशहूर शायर अलामा इकबाल की शायरी सुनाते हुए कहा था कि यही आइनें कुदरत हैं, यही असलूबे फितरत है, जो है राहे अमल में गामजन, महबूब-ए-फितरत है। ढींडसा ने इसी शायरी पर पलटवार करते हुए शेर सुनाया और कहा कि पंजाब सरकार को याद रखना चाहिए कि उन्होंने अपने चुनावी घोषणा पत्र में क्या वायदे किए थे और आज पंजाब की क्या हालत हो गई है।
बहस के बाद बातचीत में ढींडसा ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि कांग्रेस सरकार द्वारा भारी-भरकम कर्जा उठाने के बावजूद राज्य के आर्थिक विकास में गिरावट आई है और वित्तीय घाटा हुआ है इसलिए सरकार को मजबूरन आंकड़े छुपाते हुए एक ऐसा बजट पेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जो वित्तीय स्थिति की असल तस्वीर नहीं दिखाता है। बजट में बिजली सबसिडी का 4500 करोड़ रुपया बकाया, कर्मचारियों के डी.ए. और वेतन के लिए कम पड़ रहे 1000 करोड़ रुपए और कोष में बकाया पड़े 4 हजार करोड़ रुपए के बिलों का कोई जिक्र नहीं किया गया है।