Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Sep, 2017 08:50 AM
बड़े घरानों में होने वाली शाही विवाह-शादियों की चमक-दमक व डी.जे. की गीतों की धुनों पर थिरकते हुए पानी की तरह नोटों को लुटाने की परम्पराओं पर इंटरनैशनल पंजाब फोरम में सिख जत्थेबंदियों दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पूर्ण तौर पर रोक लगाते हुए...
लुधियाना (खुराना): बड़े घरानों में होने वाली शाही विवाह-शादियों की चमक-दमक व डी.जे. की गीतों की धुनों पर थिरकते हुए पानी की तरह नोटों को लुटाने की परम्पराओं पर इंटरनैशनल पंजाब फोरम में सिख जत्थेबंदियों दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पूर्ण तौर पर रोक लगाते हुए उक्त समारोह को सादे ढंग से सिख रीति-रिवाजों से सम्पन्न करवाने की पहल की है। सिख संस्थाओं की इस पहल से जहां विवाह समारोह में होने वाली पैसों की फालतू बर्बादी पर नकेल कसेगी, वहीं दहेज प्रथा को भी अंकुश लगेगा। आमतौर पर समाज में अधिकतर परिवार अपने रुतबे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए विवाह समारोहों के दौरान मैरिज पैलेसों व रिजोर्ट आदि के एंट्री गेट पर सजावट के लिए लाखों रुपए बर्बाद कर देते हैं।
महंगी शादियों में होने वाले पैसे की बर्बादी बारे करेंगे जागरूक
महंगी होती जा रही सिख समाज की विवाह-शादियों में होने वाले फालतू खर्च पर तुरंत रोक लगाने के लिए सिखों का मिनी पाॢलयामैंट माने जाने वाली संस्था अकाल तख्त साहिब द्वारा भी मोहर लगा दी गई है, ताकि इसका बुरा प्रभाव आगामी पीढिय़ों पर न पड़े और वे परिवार द्वारा उठाए गए कर्ज को चुकाने से बच जाएं। इसके लिए दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डी.एस.जी.पी.सी.), शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व धार्मिक संस्थाओं से जुड़े नेता बड़े स्तर पर कैम्पेन चलाकर सिख परिवारों को महंगी शादियों में होने वाली पैसों की बर्बादी संबंधी जागरूक करेंगे।
कौन-कौन से खर्च पर रहेगा फोकस
1 महंगे निमंत्रण कार्ड पर रोक।
2 महंगे मिठाई के डिब्बों का प्रचलन होगा बंद।
3 रात की बजाय दिन में होगा विवाह-समारोह।
4 रिजोर्ट, फार्म हाऊस व मैरिज पैलेसों में गुरु ग्रंथ साहिब ले जाने पर पाबंदी।
5 डी.जे., ऑर्कैस्ट्रा व अन्य सजावटी लाइटों के खर्च पर रोक।
खर्च की राशि कम करने को तैयार होगा मैन्यू
सिख संस्थाओं द्वारा शादियों में होने वाले फालतू खर्च पर रोक लगाने के लिए बाकायदा मैन्यू कार्ड में जरूरत से अधिक पकवानों को आऊट कर एक सादा मैन्यू कार्ड तैयार करने की बात की है, जिसमें गुरु के लंगर की भांति दाल का तड़का, सादी सब्जियां व कुछ मिठाइयां परोसने की बात पर सहमति बन चुकी है। ऐसे में जिन परिवारों में शादियों के दौरान बारातियों के लिए नॉन-वैज परोसे जाने का चलन है, उस पर पूरी तरह रोक लगने की संभावना है।
मोबाइल फोन से दिया जाएगा न्यौता
ऐसे में एक अहम बात यह भी बताई जा रही है कि बेशकीमती कार्डों की जगह अब रिश्तेदारों व सगे-संबंधियों को मोबाइल फोन के जरिए शादी का न्यौता दिया जाएगा। वहीं खुशी के इस अवसर पर बांटे जाने वाले महंगी मिठाई के डिब्बों को भी बंद कर खर्च पर कंट्रोल होगा। इस दौरान लिए गए एक अहम फैसले में सिख समाज के मुख्य प्रतिनिधियों ने इस बात पर भी जोर दिया है कि सिख परिवारों में होने वाली विवाह-शादियां व पार्टियां रात के समय में बिल्कुल बंद की जाएं और आनंद कारज करवाने हेतु श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप किसी निजी स्थान पर न ले जाकर फेरे गुरुद्वारा साहिब में ही पूर्ण करवाए जाएं।
अंतिम अरदास पर बनने वाले पकवानों पर भी लगेगी लगाम
इस दौरान चर्चा यह भी छिड़ी हुई है कि विवाह-शादियों के अलावा अंतिम अरदास पर पकने वाले कई तरह के पकवानों पर भी बड़ी कटौती होगी, ताकि भोग समारोह के दौरान विवाह की भांति पकने वाले दर्जनों प्रकार के पकवान व मिठाइयों आदि पर होने वाले खर्च पर भी लगाम लगे।