Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 08:54 AM
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया से माफीनामे के बाद पार्टी की प्रदेश इकाई में उठे बवाल के बाद पार्टी विधायकों में गुटबाजी पंजाब विधानसभा सत्र के पहले दिन ही जगजाहिर हो गई।
चंडीगढ़ (शर्मा) : आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया से माफीनामे के बाद पार्टी की प्रदेश इकाई में उठे बवाल के बाद पार्टी विधायकों में गुटबाजी पंजाब विधानसभा सत्र के पहले दिन ही जगजाहिर हो गई। राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर के अभिभाषण की शुरूआत में ही विधानसभा में विपक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने बोलना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण झूठ का पुलिंदा है। कैप्टन सरकार ने शब्दों के जाल में फंसाकर राज्यपाल को भी सरकार का ‘माऊथ पीस’ बनाकर रख दिया है, इसलिए उनकी पार्टी विरोध में सदन से वाकआऊट कर रही है। इसके साथ ही पार्टी विधायक सदन से बाहर निकलने शुरू हो गए लेकिन 2 विधायकों कोटकपूरा से कुलतार सिंह संधवा व रूपनगर के विधायक अमरजीत सिंह संधोआ ने खैहरा की अगुवाई में किए गए इस वाकआऊट में हिस्सा नहीं लिया व राज्यपाल का अभिभाषण समाप्त होने तक सदन में ही डटे रहे।
खैहरा से 2 पार्टी विधायकों द्वारा वाकआऊट में भाग न लेने बारे पूछने पर उन्होंने कहा कि इसके संबंध में दोनों विधायकों से जवाबतलबी की जाएगी। संधवा ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के माध्यम से सरकार अपनी प्राप्तियों का बखान करती है। अभी तो अभिभाषण में दर्ज 91 ङ्क्षबदुओं में से राज्यपाल ने मात्र 8-10 ही पढ़े थे तभी एकदम से खैहरा द्वारा सदन से वाकआऊट का फैसला ले लिया गया। उन्होंने कहा कि हमें राज्यपाल के पद की गरिमा का भी ख्याल रखना चाहिए।