Edited By Vaneet,Updated: 28 Aug, 2018 06:57 PM
पंजाब विधानसभा में लोक इंसाफ पार्टी (एलआईपी) के नेता सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ आज निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। आरोप है कि सिमरजीत सिंह ने कांग्रेस...
चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा में लोक इंसाफ पार्टी (एलआईपी) के नेता सिमरजीत सिंह बैंस के खिलाफ आज निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। आरोप है कि सिमरजीत सिंह ने कांग्रेस विधायक हरप्रताप सिंह अजनाला के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया था। राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्र ने अन्य कांग्रेसी विधायकों के साथ विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह प्रस्ताव पेश किया और सदन में इस तरह की भाषा के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताई। आप विधायकों के एक वर्ग के समर्थन में सिमरजीत, उनके भाई एवं एलआईपी विधायक बलविंदर ने इस निंदा प्रस्ताव पर आपत्ति की। हंगामा उस वक्त शुरू हुआ जब सिमरजीत ने सदन में खैहरा द्वारा पूछे गए सवाल पर पूरक प्रश्न पूछा। खैहरा ने वसा सामग्री के बारे में सवाल पूछकर जानकारी मांगी थी और यह जानना चाहा था कि क्या दूध खरीद दर अलग-अलग हैं।
सिमरजीत ने दो महीने पहले लुधियाना में वेरका दुग्ध संयंत्र में औचक निरीक्षण किया था। आज उन्होंने अपने आरोपों को दोहराते हुए विधानसभा के अंदर कहा कि वेरका अपने पैकेट पर जो दावे करती है उसकी तुलना में उससे भी कम वसायुक्त दूध और सॉलिड्स नॉट फैट (एसएनएफ) की आपूॢत करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि दूध माफिया पंजाब में फल-फूल रहे हैं और उन्होंने जानना चाहा कि सरकार ने इस पर क्या कार्रवाई की। जैसे ही कुछ सत्तारूढ़ विधायकों ने सिमरजीत का विरोध किया, इस पर कांग्रेस विधायक अजनाला के साथ उनकी (सिमरजीत की) जबरदस्त बहस हुई। इस दौरान उन्होंने कथित रूप से अजनाला के खिलाफ कुछ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया।
विधानसभा अध्यक्ष राणा के. पी सिंह ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे रिकॉर्ड से हटा दिया। संसदीय मामलों के मंत्री ब्रह्म मोहिन्द्र ने कहा कि असंसदीय शब्दों को सिर्फ रिकॉर्ड से हटा देना काफी नहीं है और उन्होंने सिमरजीत के खिलाफ निंदा प्रस्ताव की मांग की, जिसकी विधानसभा अध्यक्ष ने अनमुति दे दी। इसके बाद सदन ने इस प्रस्ताव को पारित कर दिया।