Edited By Updated: 05 Dec, 2016 12:25 PM
वैसे तो चुनाव कोई भी हो, आम लोगों से लेकर बड़े नेताओं तक को कई अजीब स्थितियों में से गुजरना पड़ता है।
जालंध(पाहवा): वैसे तो चुनाव कोई भी हो, आम लोगों से लेकर बड़े नेताओं तक को कई अजीब स्थितियों में से गुजरना पड़ता है। इन्हीं में से एक हैं शिरोमणि अकाली दल की दमदार नेत्री बीबी जागीर कौर। बीबी जागीर कौर चुनाव लड़ पाएंगी या नहीं इस बात का फैसला मंगलवार को होगा। एस.जी.पी.सी. की पूर्व अध्यक्ष बीबी जागीर कौर को बेटी की हत्या के मामले में मिली सजा पर रोक लगाने की मांग याचिका पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस ने सुनवाई से इंकार कर दिया था। ऐसे में केस रैफर टू अदर बैंच कर दिया गया।
याचिका में बीबी ने मांग की है कि उन्हें पटियाला सी.बी.आई. अदालत की तरफ से सुनाई सजा पर रोक लगा दी जाए, जिससे वे आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकें। पहले भी उनकी तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था। अब दोबारा याचिका डाल कर मांग की गई कि सजा पर रोक लगा दी जाए, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के चलते और रिप्रैजैंटेटिव ऑफ पीपल एक्ट में संशोधन के चलते कोई भी दोषी व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता। लिहाजा बीबी जागीर कौर ने अब हाईकोर्ट से राहत की मांग की है। उधर सी.बी.आई. ने सजा में बढ़ौतरी की मांग कर रखी है। काबिले गौर है कि बीबी जागीर कौर को अपनी पुत्री के अपहरण और गैर-कानूनी तरीके से बंद करने की साजिश के जुर्म में पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई थी, फिलहाल वे इस मामले में जमानत पर हैं।
अकाली दल दोआबा क्षेत्र की भुलत्थ सीट छोड़कर सभी सीटें घोषित कर चुका है। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई होनी है तथा अगर बीबी को राहत मिलती है तो चुनाव लडऩे का उनका रास्ता साफ हो सकता है। अगर यह संभव नहीं होता तो बीबी जागीर कौर की बेटी रंजीत कौर या उनके दामाद युवराज भुपिंद्र सिंह में से कोई एक चुनाव लडऩे के लिए मैदान में उतर सकता है। बीबी जागीर कौर भुलत्थ सीट पर 4 बार चुनाव लड़ चुकी हैं। 3 बार वह विजयी रहीं जबकि एक बार वर्ष 2007 में वह सुखपाल सिंह खैहरा से हारी थींं। खैहरा उन दिनों कांग्रेस में थे, लेकिन आजकल आम आदमी पार्टी में हैं।