हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार, रात 8 बजे बैठी अदालत, 9 बजे आदेश पारित, 11 बजे सम्मन

Edited By Vatika,Updated: 18 Feb, 2019 11:39 AM

punjab and haryana high court

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार रात 8 बजे अर्जेंट कोर्ट लगी। 9 बजे सुनवाई कर आदेश जारी हुए और 11 बजे संबंधित प्रतिवादियों को सम्मन जारी किए गए। यह कार्रवाई लुधियाना में फिरोजपुर रोड स्थित पंजाब नैशनल बैंक की मुख्य शाखा की याचिका पर...

चंडीगढ़ (हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार रात 8 बजे अर्जेंट कोर्ट लगी। 9 बजे सुनवाई कर आदेश जारी हुए और 11 बजे संबंधित प्रतिवादियों को सम्मन जारी किए गए। यह कार्रवाई लुधियाना में फिरोजपुर रोड स्थित पंजाब नैशनल बैंक की मुख्य शाखा की याचिका पर हुई। किसानों की 7 जत्थेबंदियों द्वारा 18 फरवरी को बैंक के घेराव की चेतावनी पर सुरक्षा की मांग की गई थी।

16 से 19 फरवरी तक बंद है हाईकोर्ट
याचिका में कहा गया कि लुधियाना में पी.एन.बी. की 60 से अधिक शाखाएं हैं, जहां कैश की ट्रांजैक्शन मुख्य शाखा से होती है। करोड़ों की नकदी एक से दूसरे स्थान पर पहुंचाई जाती है। बैंक में काफी मात्रा में कैश होता है। ऐसी सूरत में 7 जत्थेबंदियों के किसान घेराव करते हैं तो हालात बिगड़ सकते हैं। माली नुक्सान की भी आशंका है। इसलिए घेराव को रोका जाए और संबंधित विभागों को बैंक की सुरक्षा के आदेश दिए जाएं। हालांकि पी.एन.बी. प्रबंधकों ने जिला पुलिस से किसानों के प्रदर्शन को रोकने और बैंक परिसर की सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन पुलिस व प्रशासन ने खुद सुरक्षा इंतजाम के लिए कह दिया था। इसके बाद 15 फरवरी को हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई, लेकिन प्रोसैस मुताबिक रजिस्ट्रार की मार्फत याचिका तीसरे दिन सुनवाई के लिए पहुंचनी थी। किसानों का प्रोटैस्ट 18 फरवरी को है और हाईकोर्ट 16 से 19 फरवरी तक बंद है। बैंक के वकीलों ने रजिस्ट्रार से संपर्क किया तो उन्होंने प्रोसैस का हवाला दिया कि चीफ जस्टिस ही अर्जैंट सुनवाई के लिए कह सकते हैं।

पुलवामा हमले को लेकर वर्क डाऊन का ऐलान
वकीलों ने मुलाकात कर मामले की गंभीरता से अवगत करवाया तो चीफ जस्टिस ने दोपहर बाद याचिका पर सुनवाई के लिए कहा। 14 फरवरी को पुलवामा हमले को लेकर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दोपहर बाद वर्क डाऊन का ऐलान कर दिया। इस कारण चीफ जस्टिस भी दोपहर बाद नहीं आए। शाम 5 बजे तक इंतजार के बाद चीफ जस्टिस के सीनियर स्टाफ को एप्रोच किया जिनकी मार्फत संदेश चीफ जस्टिस तक पहुंचा और उनके साथ डबल बैंच में बैठने वाले जस्टिस अरुण पल्ली को सुनवाई करने के लिए कहा। इसके बाद वह देर शाम हाईकोर्ट आए और स्टाफ को बुलाया। रात 8 बजे कोर्ट लगी और याचिका की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने पुलिस, प्रशासन व डी.सी. को किसानों के प्रदर्शन दौरान बैंक को सुरक्षा मुहैया करवाने और किसानों को बैंक परिसर से 100 मीटर की दूरी पर रोकने तथा अप्रिय घटना से निपटने के उचित प्रबंध के आदेश जारी किए। रात 9 बजे याचिकाकत्र्ताओं को आदेश की प्रति दी और प्रतिवादियों के सम्मन रात 11 बजे तक तैयार किए गए। हालांकि हाईकोर्ट ने किसानों को भी आवाज उठाने का हक दिया, लेकिन बैंक से 100 मीटर दूर रहते हुए।

यूनियनों ने 30 जनवरी को भेजा था पत्र
यूनियनों ने 30 जनवरी को बैंक अथॉरिटी को पत्र लिख कहा था कि किसानों से रिकवरी बंद करें और भेजे नोटिस वापस लें। सिक्योरिटी के रूप में लिए चैक रिकवरी के लिए इस्तेमाल न किया जाएं। चैक बाऊंस होने के बाद किसानों पर आपराधिक मामले दर्ज न किए जाएं। इन मांगों को न मानने की सूरत में किसानों ने 18 फरवरी को बैंक के घेराव की घोषणा कर दी थी।

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