Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Sep, 2017 02:12 PM
पार्किंग नियमों के उल्लंघन से संबंधित काम्प्लैक्सों पर हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेशों के कई साल बाद भी कार्रवाई तो पूरी नहीं हो पाई।
लुधियाना (हितेश): पार्किंग नियमों के उल्लंघन से संबंधित काम्प्लैक्सों पर हाईकोर्ट द्वारा जारी आदेशों के कई साल बाद भी कार्रवाई तो पूरी नहीं हो पाई। लेकिन जिन नगर निगम द्वारा बिल्डिंगों को सील किया गया है, उनमें से कुछ बिल्डिंगों के मालिकों ने खुद ही ताले तोड़ लिए हैं। इससे अफसरों में हड़कंप मच गया है और बिल्डिंग मालिकों पर पुलिस केस दर्ज करवाने सहित मौके पर दोबारा सीङ्क्षलग शुरू हो गई है।
यहां बताना उचित होगा कि जोन डी के अधीन आते इलाकों में स्थित 85 काम्प्लैक्स ऐसे हैं, जिन्होंने बिल्डिंग बनाते समय या तो पार्किंग के लिए जगह छोड़ी ही नहीं या फिर नक्शे में पार्किंग के लिए दिखाई जगह का प्रयोग अन्य कामों के लिए किया जा रहा है। जिस बारे में हाईकोर्ट को शिकायत की गई कि पार्किंग नियमों का उल्लंघन होने कारण इन बिल्डिंगों में आने वाले लोगों के वाहन सड़कों पर खड़े होने से टै्रफिक जाम लगने से राहगीरों को परेशानी होती है।इस संबंधी कोर्ट द्वारा जारी आदेशों पर निगम ने बिल्डिंग मालिकों को नोटिस तो जारी कर दिए। लेकिन आगे कोई कार्रवाई नहीं की। यही हाल सरकार द्वारा आदेश जारी करने पर भी रहा।
जिसे लेकर अवमानना याचिका लगने पर सरकार व निगम की नींद खुली। इसके तहत दूसरे शहरों के अफसरों की टीमें बनाकर बिल्डिंगों की चैकिंग करवाई गई। उसके बावजूद अधिकारियों द्वारा काफी बिल्डिंगों का यह कहकर बचाव किया गया कि वह 1997 से पहले की बनी हुई है। इस बारे में निगम द्वारा दी गई रिपोर्ट पर मोनीटरिंग करने का जिम्मा कोर्ट ने लोकल बॉडीज विभाग के सी.वी.ओ. को सौंपा है। उसके बाद कई बिल्डिंगों में पार्किंग नियमों के उल्लंघन के अलावा नान-कम्पाऊंडेबल निर्माण होने बारे भी कार्रवाई की गई। जो रिकार्ड 8 सितम्बर को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके लिए पहले तो अफसरों पर मिलीभगत के आरोप लगे, लेकिन बाद में स्टाफ ने इससे पल्ला झाड़ते हुए दोबारा सील लगाने व पुलिस केस दर्ज करवाने की तैयारी शुरू कर दी।