Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 09:07 AM
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में मंडी गोबिंदगढ़ इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन सहित 12 कंपनियों ने पंजाब सरकार, पंजाब स्टेट इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेटरी कमीशन तथा पंजाब स्टेट पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को पार्टी बनाते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका...
चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में मंडी गोबिंदगढ़ इंडक्शन फर्नेस एसोसिएशन सहित 12 कंपनियों ने पंजाब सरकार, पंजाब स्टेट इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेटरी कमीशन तथा पंजाब स्टेट पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को पार्टी बनाते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें कमीशन द्वारा जारी संशोधित इलैक्ट्रिसिटी टैरिफ पर सवाल खड़े किए गए हैं।
याचिका में कहा गया है कि रैगुलेशंस में गैर-कानूनी व मनमाने प्रावधान लगाए गए हैं जिसके तहत कमीशन को पूर्वव्यापी समय से टैरिफ आर्डर जारी करने की शक्ति दी गई है। नए टैरिफ प्लान को लागू कर उपभोक्ताओं से 7 महीने से ज्यादा समय का एरियर मांगा जा रहा है जो गैर-कानूनी है।
याचिका में नवम्बर, 2017 के रिवाइज्ड इलैक्ट्रिसिटी टैरिफ को मनमानी कार्रवाई बताया गया है जो अप्रैल, 2017 के पूर्वव्यापी प्रभाव से जुड़ी है। हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने मामले में प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी करते हुए केस की अगली सुनवाई 12 जनवरी तय की है।
याचिका में मांग की गई है कि द पंजाब स्टेट इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेटरी कमीशन (कंडक्ट ऑफ बिजनैस), रैगुलेशंस, 2005 की रैगुलेशन 52(3) में प्रैफेरेबली शब्द को रद्द किया जाए। इसके अलावा पंजाब स्टेट इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेटरी कमीशन द्वारा 23 अक्तूबर, 2017 को जारी टैरिफ आर्डर उस हद तक रद्द करने की मांग भी की गई है जिसमें संशोधित टैरिफ को 1 अप्रैल, 2017 के पूर्वव्यापी प्रभाव से लागू करने की बात कही गई है।