Edited By Updated: 03 Mar, 2017 01:26 PM
पंजाब सरकार ने मंडियों से रबी की फसल उठाने के लिए केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से 20,863 करोड़ की कैश क्रेडिट लिमिट बनाने की मांग की है।
चंडीगढ़ः पंजाब सरकार ने मंडियों से रबी की फसल उठाने के लिए केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक से 20,863 करोड़ की कैश क्रेडिट लिमिट बनाने की मांग की है। पंजाब में इस वर्ष 125 लाख मीटरक टन गेहूं मंडियों में आने की सभावना है। सरकारी आधिकारियों को भरोसा है कि भारतीय रिजर्व बैंक अगले कुछ दिनों में कैश क्रेडिट लिमिट(सी.सी.एल) को मंजूरी दे देगा। पंजाब के आधिकारियों को उम्मीद है कि 67 बैंकों का नेतृत्व करता भारतीय स्टेट बैंक इस मामले पर ज़्यादा कोलाहल नहीं डालेगा क्योंकि यह सिलसिला पिछले 20 साल से चलता आ रहा है। विरासत में मिले क्रेडिट अकाउंट को कलियर करने के लिए बादल सरकार ने कर्ज लेने की योजना और इसके साथ ही कर्ज वापसी के लिए 31,000 करोड़ रुपए के बांड जारी करने की भी योजना बनाई थी। पिछले साल अक्तूबर महीने में केंद्र सरकार ने इस योजना को हरी झंडी भी दे दी थी। यह बांड इस वित्तीय साल में (मार्च के आखिर तक) जारी किए जाने थे परन्तु अभी तक यह योजना केंद्र सरकार के पास पड़ी है। इस मामले में पंजाब सरकार के सीनियर आधिकारियों की राय है कि जब तक सरकार बांड जारी नहीं करती और बैंकों का कर्ज नहीं उठवाया जाता है तब तक लिमिट जारी होने में देरी होती रहेगी।
गौरतलब है कि 1994 -95 में जब लिमिट शुरू की थी उसमें केंद्र के लिए खरीदे अनाज की असली कीमत में 29,000 करोड़ रुपए का अंतर आ गया है। इस कमी को पूरा करने के लिए तुरंत बांड जारी करने की जरूरत है परन्तु केंद्र सरकार का पक्ष है कि बांड की ब्याज दर मौजूदा ब्याज दर 8.5 से कम की जाए। आधिकारियों को उम्मीद है कि केंद्र जल्दी ही बांड जारी करने की आज्ञा दे देगा ।