Edited By Tania pathak,Updated: 06 Jul, 2021 06:18 PM
राज्य सरकार से खफा मुलाजिमों ने अपनी किसी मांग का हल न होने पर फिर से पंजाब भर के बस स्टैंड बंद करके हड़ताल करने का निर्णय पंजाब रोडवेज/पनबस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्ज यूनियन और पी.आर.टी.सी....
लुधियाना (मोहिनी): राज्य सरकार से खफा मुलाजिमों ने अपनी किसी मांग का हल न होने पर फिर से पंजाब भर के बस स्टैंड बंद करके हड़ताल करने का निर्णय पंजाब रोडवेज/पनबस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्ज यूनियन और पी.आर.टी.सी. के कच्चे मुलाजिमों की कमेटी की राज्य स्तरीय हुई मीटिंग में लिया गया। जिसकी प्रधानगी चेयरमैन बलविंद्र सिंह ने की।
मीटिंग को सम्बोधित करते हुए राज्य जनरल सेक्रेटरी बलजीत सिंह गिल, सीनियर उपप्रधान जोध सिंह, हरकेश विक्की, गुरप्रीत सिंह पन्नू ने सख्त फैसला लेते हुए तीन दिवसीय हड़ताल करने की आवाज बुलंद की। कहा कि इसे सख्ती से लागू किया जाएगा और 26 जुलाई को पंजाब के सभी बस स्टैंड 4 घंटे के लिए बंद करके बसों का चक्का जाम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 9,10 व 11 अगस्त को तीन दिवसीय हड़ताल की जाएगी जिसमें राज्य सरकार की नाकामियों को आम जनता के समक्ष रखा जाएगा और 15 अगस्त को गुलामी दिवस मनाने के लिए यूनियन द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद्र सिंह जहां पर झंडा लहराएंगे वहां पर काले झंडे दिखाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई को ट्रांसपोर्ट मंत्री के साथ मीटिंग दौरान हुई वार्तालाप में कहां गया कि यूनियन पंजाब सरकार को प्रोपोजल बना कर दें और 10 दिन बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में हल करने के लिए बनाई हुई पॉलिसी और यूनियन की दी हुई प्रोपोजल पर विचार करके मसले का हल करने के लिए कहा गया है। यूनियन ने कहा कि सरकार उन्हें टाल मटोल वाली नीति में उलझाकर अपना रास्ता साफ कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने यूनियन की मांगों का सार्थक हल न निकाला तो 26 जुलाई को पंजाब के सभी बस स्टैंड बंद करके कैप्टन सरकार के विरुद्ध रोष प्रदर्शन किया जाएगा। मीटिंग में जलौर सिंह, सतनाम सिंह, प्रदीप कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंद्र सिंह द्वारा सत्ता हासिल करने से पहले घर-घर नौकरी देना, ट्रांसपोर्ट माफिया को खत्म करना और समूह विभागों के ठेका मुलाजिमों को रैगुलर करने की बात कही थी लेकिन कैप्टन सरकार अपने किए वायदे से मुकर चुकी है। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग में पिछले 15 साल से लगातार ठेका प्रणाली में काम कर रहे कच्चे वर्करों को अभी तक पक्का नहीं किया गया और खजाना खाली होने व कानूनी अड़चनों का बहाना बनाकर सरकार अपने किए वायदे को भूल रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार पिछले 4 वर्षों से ट्रांसपोर्ट विभाग का कोई भी हल नहीं निकाल पाई जबकि सरकार ट्रांसपोर्ट माफिया को प्रफुल्लित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही।
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