Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 02:32 PM
आर.टी.ए. कार्यालय (पूर्व डी.टी.ओ. दफ्तर) में बतौर बूट आप्रेटर डी.एल. और आर.सी. का कामकाज करने वाले निजी कंपनी के कर्मचारी अपने ही द्वारा लगाई गई भ्रष्टाचार की आग में घिरते हुए दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ कर्मचारियों का इस आग की लपटों से...
जालंधर(अमित): आर.टी.ए. कार्यालय (पूर्व डी.टी.ओ. दफ्तर) में बतौर बूट आप्रेटर डी.एल. और आर.सी. का कामकाज करने वाले निजी कंपनी के कर्मचारी अपने ही द्वारा लगाई गई भ्रष्टाचार की आग में घिरते हुए दिखाई दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ कर्मचारियों का इस आग की लपटों से भारी नुक्सान हो सकता है। सैक्रेटरी आर.टी.ए. द्वारा निजी कंपनी के उच्चाधिकारियों के पास कुछ कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उन पर कड़ी कारवाई करने की सिफारिश की गई है। अगर ऐसा होता है तो कम से कम 3 से 4 कर्मचारियोंपर तबादले की गाज गिर सकती है और 1-2 कर्मचारियों को नौकरी तक से हाथ धोना पड़ सकता है।
दरअसल पिछले कई सालों से निजी कंपनी के कर्मचारी अपनी मनमानी करने और हर तरह का गलत काम करके मोटी काली कमाई करने के आरोपों से घिरे हुए हैं। मगर आज तक किसी अधिकारी द्वारा इस बात को लेकर सख्ती नहीं बरती गई। जिसका परिणाम यह निकला कि मौजूदा समय में केवल 7-8 हजार रुपए की नौकरी करने वाले 10वीं-12वीं पास कर्मचारी लाखों में खेल रहे हैं। कुछ ही समय में लाखों रुपए की जायदाद खरीदने वाले उक्त कर्मचारी भ्रष्टाचार के पिछले सारे रिकार्ड तोड़ चुके हैं। इस समय अगर सबसे ज्यादा मोटी कमाई की जा रही है तो वह है लाइसैंस और आर.सी. के कारोबार में। सूत्रों की मानें तो बड़े-बड़े एजैंटों के साथ सांठगांठ के चलते कई किस्म के जायज-नाजायज कामों को उक्त कर्मचारी अंजाम देने में लगे हुए हैं। बार-बार अधिकारियों द्वारा चेताए जाने का भी कुछ कर्मचारियों पर कोई असर नहीं हो रहा है। जिसके पश्चात रोजाना हो रही किरकिरी को लेकर आर.टी.ए. ने निजी कंपनी के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का मन लगभग बना ही लिया है। इसके लिए आर.टी.ए. ने कुछ पुख्ता सबूत भी इकट्ठा कर लिए हैं।
अगर सब कुछ सही रहता है तो एक-दो दिन में ही सारे मामले का पटाक्षेप करते हुए आर.टी.ए. एक बहुत बड़ा धमाका कर कुछ कर्मचारियों के खिलाफ एस.टी.सी. के पास एक पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई की सिफारिश भी कर सकते हैं। पहले चरण में चाहे चंद कर्मचारियों के ऊपर इस मामले की गाज गिरने वाली है, मगर इतना तय है कि इस आग की लपटों से पूरी निजी कंपनी का स्टाफ बच नहीं पाएगा, क्योंकि किसी न किसी रूप में हर कर्मचारी इस गोरखधंधे में शामिल है। इतने बड़े स्तर पर हुए गोलमाल के अंदर बिना अधिकारियों की परोक्ष या अपरोक्ष सहमति के काम करना आसान प्रतीत नहीं होता। मामला दर्ज होता है, कोई ठोस कारवाई होती है या नहीं, यह तो आने वाला समय ही बेहतर बता पाएगा, मगर इतना तय है कि आने वाले कुछ दिनों के अंदर आर.टी.ए. कार्यालय में काफी हलचल देखने को मिल सकती है, जिससे बचना शायद ही किसी के लिए संभव होने वाला है।