Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Aug, 2017 01:54 PM
पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह ने एक फिर पूर्व अकाली सरकार पर जमकर निशाना साधा।
चंडीगढ़(भुल्लर): बादल सरकार के समय सरकारी खजाने की व्यापक स्तर पर हर तरफ से लूट की गई और शहरों में होने वाली इश्तिहारबाजी में भी गलत नीति के कारण ही सरकारी खजाने को 2500 करोड़ का चूना लगा है। यह खुलासा स्थानीय निकाय विभाग के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को यहां प्रैस कॉन्फ्रैंस में इस संबंधी तथ्य पेश करते हुए किया। उनसे इस संबंध में पूछा गया कि इसके लिए कौन जिम्मेवार है और इसके खिलाफ कार्रवाई होगी तो उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति की बात नहीं बल्कि पिछली सरकार अली बाबा 40 चोरों वाली सरकार थी।
उन्होंने कहा कि ऐड व होॄडग संबंधी बनाई गई नीति अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने वाली थी। इससे सरकार को भारी वित्तीय नुक्सान हुआ है। इस पॉलिसी में न तो कोई जवाबदेही थी और न ही किसी तरह की पैनल्टी का प्रावधान था। इस कारण हुए नुक्सान के लिए किसी पर अब हम कार्रवाई भी नहीं कर सकते।
सिद्धू ने कहा कि अब हम शहरों में होने वाली इश्तिहारबाजी व होॄडग आदि लगाने संबंधी नई नीति लाएंगे। पिछली सरकार की नीति के कारण हुए वित्तीय नुक्सान के आंकड़े देते हुए उन्होंने बताया कि पड़ोसी राज्य हरियाणा के 80 शहरों से 150 करोड़ रुपए की आमदनी होती है, जबकि हमारे 160 शहरों में सिर्फ इश्तिहारबाजी व होॄडग आदि से 25 करोड़ रुपए ही प्राप्त होते हैं। इनमें से भी 10 करोड़ रुपए मोहाली, अढ़ाई करोड़ रुपए जीरकपुर तथा बाकी 12 करोड़ लुधियाना समेत पूरे पंजाब से मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि सही पॉलिसी बनाकर अकेले लुधियाना से ही 150 करोड़ रुपए तक की आमदनी इश्तिहारबाजी व होॄडग आदि से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि उनका विभाग जो अब नई नीति तैयार कर रहा है, उससे कम से कम 300 करोड़ रुपए की आमदनी प्राप्त करने का लक्ष्य रखा जाएगा।जरूरत पड़ी तो खुद कोर्ट में पेश होकर सच्चाई बताऊंगा : सिद्धू ने बताया कि इश्तिहारबाजी पॉलिसी संबंधी चल रहे अवमानना केस की सुनवाई पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में 18 अगस्त को होनी है और इस केस के लिए विभाग सीनियर अधिकारियों की ड्यूटी लगाएगा। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह खुद भी अदालत में पेश होकर तथ्यों की सच्चाई बताएंगे।
पिछली सरकार के समय केबल कारोबार में हुई टैक्स चोरी की वसूली जरूर होगी : सिद्धू ने कहा कि केबल वालों को कानून के दायरे में लाना और उन्हें जवाबदेह व जिम्मेवार बनाने के लिए मनोरंजन कर लगाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह मनोरंजन कर एक टोकन टैक्स के तौर पर बहुत थोड़ी-सी राशि का लगाया जाएगा। इसका मुख्य मनोरथ कानून का दायरा बढ़ाना है।