CM के खारिज करने के बावजूद पंजाब में NPR के अपडेशन की तैयारी

Edited By swetha,Updated: 21 Jan, 2020 10:44 AM

preparation for updation of npr in punjab despite cm s rejection

पश्चिम बंगाल और केरल लगा चुके हैं रोक

चंडीगढ़ (अश्वनी): बेशक पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने विधानसभा में नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एन.पी.आर.) को खारिज करने का ऐलान कर दिया हो लेकिन दूसरी तरफ विभागीय स्तर पर नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर को अपडेट करने की तैयारी की जा रही है।  बाकायदा, डिपार्टमैंट ऑफ लोकल गवर्नमैंट इस बाबत नोटीफिकेशन भी जारी कर चुका है। नोटीफिकेशन में कहा गया है कि पंजाब में 15 मई से 29 जून 2020 तक पहले चरण की जनगणना के साथ-साथ  नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर की अपडेशन का कार्य भी किया जाएगा। जनगणना 2021 के पहले चरण में हाऊस लिस्टिंग और हाऊसिंग सैंसस होना है। 

वहीं, नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के तहत प्रदेश के सभी नागरिकों की पहचान के लिए विशेष डाटाबेस तैयार किया जाना है। इस डाटाबेस में जनसांख्यिकीय और कुछ अन्य विशेष जानकारियां शामिल होंगी। प्रत्येक नागरिक के लिए एन.पी.आर. में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए नागरिकों को अपना नाम, परिवार के मुखिया से उसका संबंध, पिता का नाम, माता का नाम, पति/पत्नी का नाम, लिंग, जन्म तिथि, वैवाहिक स्थिति, जन्म स्थान, नागरिकता, वर्तमान पता, पते पर रहने की अवधि, स्थायी पता, व्यवसाय, शैक्षणिक स्थिति जैसी जानकारियां देनी होंगी। माना जा रहा है कि यही नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर भविष्य में नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस का आधार बनेगा जिसके चलते यह रजिस्टर विवादों के घेरे में है। 

पश्चिम बंगाल और केरल लगा चुके हैं रोक  
नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर पर उठे विवाद के चलते पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्य विरोध में उतर चुके हैं। दोनों राज्यों की सरकार ने तो स्पष्ट तौर पर ऐलान भी कर दिया है कि उनके राज्य में नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर की अपडेशन का कोई कार्य नहीं किया जाएगा। बाकायदा इस मामले में राज्य की विधानसभा प्रस्ताव भी पारित कर चुकी है। हालांकि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के इस कदम को असंवैधानिक करार दिया था जिसके बाद से यह मामला और भी तूल पकड़ चुका है। 

पंजाब विधानसभा में मुख्यमंत्री ने भी किया था ऐलान 
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा के 2 दिवसीय विशेष सत्र में मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने ऐलान किया था कि पंजाब में होने वाली जनगणना 2021 को पुराने मापदण्डों के आधार पर किया जाएगा। इस दौरान केंद्र की तरफ से एन.पी.आर. के लिए जोड़े गए नए भाग शामिल नहीं किए जाएंगे। नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने के मुद्दे पर लाए गए प्रस्ताव के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर (एन.पी.आर.) से संबंधित फॉर्मों/दस्तावेजों में उचित संशोधन किए जाने तक इसका काम रोकने की अपील भी की है। 

विरोध के बीच कैसे जारी हुआ नोटीफिकेशन, बड़ा सवाल?
दिसम्बर 2019 दौरान नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद से ही पंजाब की कांग्रेस सरकार के स्तर पर इस अधिनियम का विरोध करने के साथ-साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एन.पी.आर.) का भी विरोध किया जा रहा है। बावजूद इसके डिपार्टमैंट ऑफ लोकल गवर्नमैंट की तरफ से नोटीफिकेशन जारी होने से कई सवाल खड़े हो गए हैं। डिपार्टमैंट ने यह नोटीफिकेशन 16 जनवरी 2020 को होने वाली विधानसभा की बैठक से ठीक एक दिन पहले 15 जनवरी 2020 को जारी किया है। ताज्जुब की बात यह है कि डिपार्टमैंट ऑफ लोकल बॉडी के मंत्री ब्रह्म मोङ्क्षहद्रा है जिनके पास संसदीय कार्य मंत्री की भी जिम्मेदारी है। फिर भी तालमेल का अभाव इस कदर हावी है कि एक तरफ नोटीफिकेशन जारी हो जाता है तो दूसरी तरफ विधानसभा में मुख्यमंत्री रजिस्टर के कार्य पर रोक लगाने का ऐलान कर देते हैं।

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