सियासी विरासत:पंजाब व साथ लगते राज्यों में 12 पूर्व मुख्यमंत्रियों की साख दाव पर

Edited By swetha,Updated: 07 May, 2019 12:14 PM

political legacy

:देश की राजनीति में परिवारवाद के आरोप लगना अब बीते जमाने की बात हो गई है, क्योंकि शायद ही कोई ऐसा बड़ा नेता हो, जिसके परिवार के लोग भी राजनीति में सक्रिय नहीं हैं।

लुधियाना(हितेश):देश की राजनीति में परिवारवाद के आरोप लगना अब बीते जमाने की बात हो गई है, क्योंकि शायद ही कोई ऐसा बड़ा नेता हो, जिसके परिवार के लोग भी राजनीति में सक्रिय नहीं हैं। इसकी मिसाल इन लोकसभा चुनावों में भी खूब देखने को मिल रही है जिसके तहत अकेले पंजाब व साथ लगते राज्यों में 11 पूर्व मुख्यमंत्रियों की साख दाव पर लगी हुई है जो खुद या उनके परिवार के मैंबर्स लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। अगर पूर्व मुख्यमंत्रियों की बात करें तो दिल्ली में शीला दीक्षित, हरियाणा में भूपिंद्र हुड्डा के नाम मुख्य रूप से शामिल हैं। इसी तरह जम्मू-कश्मीर में 2 पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती चुनाव लड़ रहे हैं। 

पंजाब में 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवार फिर ठोक रहे हैं ताल 
पंजाब में जहां मौजूदा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह की पत्नी परनीत कौर पटियाला से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं, वहीं 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं जिनमें कांग्रेस द्वारा पूर्व चीफ मिनिस्टर बेअंत सिंह के पोते रवनीत बिट्टू को एक बार फिर लुधियाना से टिकट दी गई है।उधर, अकाली दल व भाजपा ने पंजाब में नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के बेटे सुखबीर बादल व बहू हरसिमरत कौर बादल को टिकटें दी गई हैं जो फिरोजपुर व बठिंडा से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि पंजाब की एक और पूर्व मुख्यमंत्री राजिंद्र कौर भट्ठल भी टिकट मांग रही थीं लेकिन कांग्रेस ने उन्हें मौका नहीं दिया। 

सुखबीर ने तोड़ा कैप्टन का रिकॉर्ड
यहां बताना उचित होगा कि पंजाब में पति-पत्नी के एक साथ लोकसभा चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड भी इस बार बादल परिवार के नाम पर ही है जबकि पिछली बार कैप्टन अमरेंद्र सिंह व परनीत कौर ने एक ही समय के दौरान लोकसभा चुनाव लड़ा था। 

हरियाणा में कांग्रेस ने 3 पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवारों को दी टिकट
पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवारों को टिकट देने के मामले में कांग्रेस ने हरियाणा में रिकॉर्ड कायम कर दिया है जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ उनका बेटा दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी चुनाव लड़ रहा है। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्रियों भजन लाल के पोते भव्य बिश्नोई व बंसी लाल की पोती श्रुति चौधरी को भी कांग्रेस द्वारा टिकट दी गई है।

ओम प्रकाश चौटाला के दोनों पोते लड़ रहे हैं चुनाव
हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्रियों से जुड़ा एक पहलू यह भी है कि ओम प्रकाश चौटाला के दोनों पोते दिग्विजय व दुष्यंत भी चुनाव लड़ रहे हैं जिन्होंने हाल ही में जननायक जनता पार्टी का गठन किया है। उनके पड़दादा देवी लाल भी हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

हिमाचल के 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों ने चुनावों से किया किनारा, धूमल के सामने चौथी बार जीतने की चुनौती 
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह वैसे तो कई बार सांसद रह चुके हैं लेकिन इस बार वह या उनके परिवार का कोई मैंबर लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है। हालांकि हिमाचल प्रदेश के एक बड़े नेता सुखराम द्वारा कांग्रेस में वापसी करने के बाद उनका पोता लोकसभा चुनाव लड़ रहा है जबकि भाजपा की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर के सामने चौथी बार जीत हासिल करने का चैलेंज है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। राजस्थान में गहलोत व वसुंधरा के बेटे हैं मैदान में राजस्थान में भी नेताओं द्वारा सियासी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए कोई मौका नहीं गंवाया जा रहा। इसके तहत मौजूदा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बेटा वैभव व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बेटा दुष्यंत सिंह मैदान में हैं।

जम्मू-कश्मीर के 2 पूर्व मुख्यमंत्रियों ने चुनाव से बनाई है दूरी
वैसे तो कांग्रेस की तरफ से गुलाम नबी आजाद भी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं लेकिन वह इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी इस बार चुनाव से दूरी बनाए रखने का फैसला किया है।

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