Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jul, 2017 10:22 AM
पंजाब के सरकारी स्कूलों में राजनीतिक दखलअंदाजी से अध्यापकों के हो रहे तबादलों कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
मोहालीः पंजाब के सरकारी स्कूलों में राजनीतिक दखलअंदाजी से अध्यापकों के हो रहे तबादलों कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। राज्य के कई जिलों में कांग्रेसी विधायकों के पत्रों को आधार बना कर अध्यापकों का कथित जबरन तबादला किया गया है, जिस का मुलाजिम संगठनों ने गंभीर नोटिस लिया है।
गवर्नमैंट टीचर्स यूनियन (जी.टी.यू.) के पूर्व नेता और पंजाब सुबारडीनेटर सर्विसेज फैडरेशन के सूबा प्रैस सचिव हरनेक सिंह मावी ने बताया कि सरकारी स्कूल बलौंगी, सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल झंजेड़ी समेत जिला संगरूर में आठ और जिला गुरदासपुर में तकरीबन दर्जन से अधिक अध्यापकों की जबरन तबादला किया गया है। इन अध्यापकों का तबादला राजनीतिक दबाव कारण किया गया हैं। नेताओं ने संघर्ष शुरु करने की चेतावनी देते अध्यापकों और मुलाजिम संगठनों को एकजुट होने का न्योता दिया।
इस दौरान सरकारी हाई स्कूल ऊधोवाली (गुरदासपुर) के आर्ट एंड क्राफ्ट अध्यापक ने शिक्षा सचिव को पत्र भेज कर उसका तबादला रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि उसने तबादले संबंधित कोई निवेदन पत्र नहीं दिया था, फिर भी उसका तबादला कर दिया गया है। जी.टी.यू. के जनरल सचिव कुलदीप दौड़का ने कहा कि जिला स्तरीय तबादलों का काम डी.ई.यो. ने करना होता है परन्तु मौजूदा समय यह सब शिक्षा मंत्री खुद कर रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह से कार्रवाई की मांग की है।
शिक्षा विभाग के सचिव कृष्ण कुमार भी सत्ताधारी नेताओं के अनावश्यक दखल से परेशान हैं। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री दफ्तर द्वारा शिक्षा सचिव को फ़ोन पर शिक्षा मंत्री के साथ बात कर मामले की पड़ताल करने की सलाह दी गई है।
सिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने माना कि कुछ स्थानों पर ऐसीं शिकायतें मिलीं हैं। संगरूर में ज़्यादा कोलाहल मचा था। उन्होंने कहा कि मामला शिक्षा मंत्री के ध्यान ला कर जिला शिक्षा अफसर को तुरंत प्रभावसे निरस्त किया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में अप्लाई किए बिना कोई तबादला नहीं होगा।