Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Feb, 2018 11:57 AM
पंजाब मंत्रिमंडल में चिर-प्रतिक्षित फेरबदल को लेकर अगले सप्ताह से कांग्रेस की सियासी गतिविधियां गर्माने जा रही हैं तथा मंत्री पद के चाहवान विधायकों ने अंतिम दौर में अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को लुभाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है क्योंकि...
जालन्धर (धवन): पंजाब मंत्रिमंडल में चिर-प्रतिक्षित फेरबदल को लेकर अगले सप्ताह से कांग्रेस की सियासी गतिविधियां गर्माने जा रही हैं तथा मंत्री पद के चाहवान विधायकों ने अंतिम दौर में अब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को लुभाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है क्योंकि विधायकों को मालूम है कि उन्हें मंत्री पद कैप्टन अमरेन्द्र सिंह का विश्वास ही दिलवा सकता है। कैप्टन तथा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मध्य होने वाली एक और बैठक मात्र औपचारिकता ही होगी क्योंकि कैप्टन द्वारा जो सूची राहुल गांधी को सौंपी जाएगी उस पर राहुल की मोहर लगनी तय है।
कांग्रेसी हलकों से पता चला है कि पंजाब कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सुनील जाखड़ भी मंत्रिमंडल विस्तार के समय कैप्टन द्वारा तय किए जाने वाले संभावित मंत्रियों के नामों पर अपनी सहमति प्रदान कर देंगे। मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नए चेहरों को लेकर कैप्टन पूरी तरह से सावधानी बरत रहे हैं। एक तो मुख्यमंत्री स्वच्छ छवि वाले विधायकों को ही मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाने जा रहे हैं तथा दूसरा वह कुछ युवा विधायकों को भी अपने मंत्रिमंडल में स्थान देने जा रहे हैं। ये युवा विधायक मालवा क्षेत्र से संबंधित हो सकते हैं।
कांग्रेसी हलकों ने बताया कि मंत्रिमंडल विस्तार में कैप्टन पुरानी वफादारी को ही ध्यान में रखने जा रहे हैं। मंत्रिमंडल के विस्तार की मार्फत कैप्टन अपनी ताकत को भी मंत्रिमंडल में बढ़ाएंगे इसलिए जिन विधायकों ने संकट काल में कैप्टन का 10 वर्षों तक साथ दिया उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। अभी मुख्यमंत्री ने यह तय करना है कि उन्होंने मंत्रिमंडल में सभी पदों को भरना है या नहीं। एक विचार यह भी उभरकर सामने आ रहा है कि मंत्रियों के 2 पदों को खाली छोड़ दिया जाए ताकि भविष्य में मंत्रिमंडल विस्तार का रास्ता खुला रहे।
मंत्रिमंडल विस्तार के लिए अमृतसर, गुरदासपुर, लुधियाना, दोआबा के कुछ जिलों को प्रतिनिधित्व मिलने के आसार हैं। इस बीच मंत्री पद लेने के इच्छुक विधायकों के दिलों की धड़कनें तेज हो गई हैं क्योंकि मंत्रिमंडल विस्तार में अब मात्र 15 दिनों का समय ही शेष रह गया है। मार्च के पहले सप्ताह में मंत्रिमंडल में विस्तार के आसार हैं। बजट सत्र मार्च महीने की 7-8 तारीख तक शुरू होना है। मुख्यमंत्री उससे पहले नियुक्तियां करने के पक्ष में हैं।