Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Oct, 2017 08:44 AM
दिल्ली राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए सीवर लाइनों में ह्यूमन एंट्री बैन कर दी है और वहां सीवर क्लीङ्क्षनग का सारा कार्य मशीनों के माध्यम से करवाए जाने के आदेश जारी हो चुके हैं।
जालंधर (खुराना): दिल्ली राज्य ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करते हुए सीवर लाइनों में ह्यूमन एंट्री बैन कर दी है और वहां सीवर क्लीङ्क्षनग का सारा कार्य मशीनों के माध्यम से करवाए जाने के आदेश जारी हो चुके हैं। दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि अगर कोई सरकारी अधिकारी या ठेकेदार इस मामले में दोषी पाया गया तो उस मामले को लापरवाही का मामला मानकर धारा 304 के तहत पर्चा दर्ज करवाया जाएगा। दिल्ली सरकार के इस फैसले का असर पंजाब पर भी पड़ता दिख रहा है जहां सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और दिल्ली सरकार द्वारा लिए गए फैसले को लेकर सहम पाया जा रहा है।
गौरतलब है कि अकाली-भाजपा सरकार की सिफारिश पर पंजाब के बड़े शहरों में सीवरेज सफाई का काम सुपर सक्शन मशीनों के माध्यम से करवाना शुरू किया गया था परंतु दिक्कत यह है कि सुपर सक्शन मशीनों के ठेकेदार भी सीवर चैम्बर और सीवर लाइनों में ह्यूमन एंट्री करवाते हैं जो अक्सर सुरक्षा मानकों के तहत नहीं होती। इसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का सीधा-सीधा उल्लंघन माना जा रहा है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिए हैं कि अगर सीवर लाइनों में दुर्घटना के कारण किसी सीवरमैन या सफाई कर्मी की मृत्यु होती है तो उसे 10 लाख रुपए मुआवजा दिया जाए। पिछले दिनों जालंधर में सुपर सक्शन मशीनों से सफाई के दौरान बबरीक चौक के निकट हादसा हुआ था जिसमें एक सीवरमैन की मौत हो गई थी परंतु उस मामले में नगर निगम यूनियनों ने ठेकेदार पर काफी दबाव बनाया तब जाकर उस मृत सीवरमैन के परिवार को 3.50 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया।
जालंधर तथा अन्य शहरों में सुपर सक्शन मशीनों से हो रही सीवर सफाई के विरुद्ध पंजाब सीवरमैन यूनियन के अध्यक्ष पवन बाबा ने कहा था कि अगर सुपर सक्शन मशीनों के ठेकेदारों ने सीवर लाइनों या चैम्बर में ह्यूमन एंट्री करवाई तो पुलिस केस दर्ज करवाने के साथ-साथ अदालत की अवमानना का केस भी किया जाएगा। इन तमाम घटनाओं के बाद आज अस्थायी सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान नरेश लल्ला ने जालंधर पुलिस को एक शिकायत सौंपी है जिसमें आरोप लगाया गया है कि सुपर सक्शन मशीनों के संचालक ठेकेदार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की घोर उल्लंघना कर रहे हैं और सरेआम सीवरमैनों या कर्मचारियों को बिना उचित सुरक्षा दिए सीवर लाइनों में भेज रहे हैं।
शिकायत में कहा गया है कि इस प्रक्रिया के तहत सीवर लाइनों को प्लग करने की प्रक्रिया भी काफी खतरनाक है। जिसके तहत सीवरमैनों को जहरीली गैसों और गंदे पानी में जाकर काम करना पड़ता है। नरेश लल्ला ने पुलिस कमिश्नर से मांग की है कि अगर कोट मोहल्ला बस्ती शेख या किसी अन्य स्थान पर सुपर सक्शन मशीनों से सफाई के दौरान किसी सीवरमैन को सीवर लाइन में भेजा जाता है तो उस प्रक्रिया की जांच करके उचित कार्रवाई की जाए और भविष्य में मुआवजे की राशि भी सुनिश्चित की जाए। अब देखना होगा कि पुलिस कमिश्नर के पास सुपर सक्शन मशीनों की शिकायतें पहुंच जाने के बाद सीवरेज बोर्ड या जालंधर नगर निगम के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से कैसे बचते हैं।