अनाज मंडियों में उड़ती धूल के साथ बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए लगाई मशीन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 10:09 AM

planting machines to prevent pollution

प्रदेश में पिछले काफी महीनों से फैले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा लगातार उपाय किए जा रहे हैं।

पटियाला/रखड़ा (राणा/जोसन) : प्रदेश में पिछले काफी महीनों से फैले वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा लगातार उपाय किए जा रहे हैं।

पराली को आग लगाने, दफ्तरों में कूड़ा-कर्कट फूंकने, वाहनों, फैक्टरियों, भट्ठे आदि के धुएं को रोकने के लिए समय-समय पर विभाग द्वारा अलग-अलग टीमें बना कर निरीक्षण किया जा रहा है, जिससे प्रदूषण को फैलने से रोका जा सके और आम लोगों को साफ सुथरा वातावरण मिल सके, वहीं पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू के प्रयत्नों से फसलों की साफ सफाई के लिए मंडियों में इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों से उड़ती धूल को रोकने के लिए एक नई मशीन मार्कीट में लगाई गई है, जिसको प्रदेश के सभी आढ़तियों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। 

जिक्र योग्य है कि हर साल धान और गेहूं की फसल को पंखा लगाने के कारण उड़ रही धूल से पैदा होते वायु प्रदूषण के कारण दाना मंडियों के आसपास की हवा दूषित रहती है जिसका प्रभाव मंडियों में काम करते मजदूरों, किसानों, आढ़तियों, दुकानदारों और दाना मंडियों के पास के निवासियों की सेहत पर पड़ता है। इस वायु प्रदूषण के कारण आंखें, सांस की बीमारियां, फेफड़ों पर सीधा प्रभाव और फेफड़ों की आक्सीजन लेने की सामथ्र्य एक आम बात बनता जा रहा है।

इस साल अक्तूबर में बोर्ड की तरफ से पंजाब की 10 दाना मंडियों की हवा का निरीक्षण करवाया गया, जिसके नतीजे हैरानीजनक थे और हवा में धूल के कणों की मात्रा निर्धारित 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कहीं ज्यादा 5 से 8 गुना तक रिकार्ड की गई। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए सचिव, पंजाब मंडीकरण बोर्ड को कहा गया।

बोर्ड के चेयरमैन काहन सिंह पन्नू ने बताया कि पंजाब की मंडियों में इस वक्त 50,000 के करीब पंखे-झारने लगे हुए हैं और प्रत्येक झारने पर 6 मजदूर काम करते हैं, इसलिए समूचे पंजाब की अनाज मंडियों में 3 लाख के करीब मजदूरों के अलावा किसान, आढ़ती, दुकानदार, ट्रांसपोर्टर और मंडियों के नजदीक रहने वाले लोग इस प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं। इस मशीन के लगने से वायु प्रदूषण पर काबू पाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आने वाले गेहूं के सीजन दौरान प्रत्येक पंखे-झारने पर यह मशीन लगाना जरूरी बनाने की कार्रवाई की जाएगी।

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