Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Nov, 2017 04:11 PM
लुधियाना के जवाहर नगर के रहने वाले कारोबारी रोकी पुत्र चमन लाल ने जालंधर के पिंगलवाड़ा में रहने वाली एक लड़की को अपनी जीवन साथी बना लिया।
लुधियाना/जालंधर: लुधियाना के जवाहर नगर के रहने वाले कारोबारी रोकी पुत्र चमन लाल ने जालंधर के पिंगलवाड़ा में रहने वाली एक लड़की को अपनी जीवन साथी बना लिया। रोकी ने दुनिया सामने ऐसी मिसाल पेश की कि हर तरफ इस बात की धूम मच गई। पिंगलवाड़ा वालों ने भी लड़की के विवाह में कोई कसर नहीं छोड़ी और मेहंदी से लेकर डोली चलाने तक सब रस्मे निभाईं। रोकी और स्वीटी
का विवाह पिंगलवाड़ा के संचालक आतमजीत सिंह के निर्देशों पर हुआ। पिंगलवाड़ा के स्टाफ ने मामा से लेकर माता-पिता तथा बहनों का रिश्ता निभाया।
वास्तव में 2001 में एक स्वंसेवी संस्था के मैंबर एक बच्ची को पिंगलवाड़ा छोड़ गए थे। बच्ची को अपने माता -पिता की कोई जानकारी न होने के कारण उसने पिंगलवाड़ा को ही अपना घर बना लिया। संस्था ने लड़की का नाम स्वीटी रखा और उसका पालन -पोषण किया। पिंगलवाड़ा में बुद्धवार को विवाह की शहनाई बजी और पिछले तीन दिनों से वहां त्योहार वाला माहोला रहा। मेहंदी से लेकर जागो निकालने और बटना लगाने से लेकर चूड़ा पहनने तक की सभी रस्मों की गई।
इस दौरान रोकी ने बताया कि उसकी इच्छा थी कि किसी संस्था में पली हुई लड़की के साथ उसका विवाह करे। उसने बताया कि स्वीटी के साथ विवाह करने के लिए उसने अपने पिता चमन लाल को बताया। पिता की इजाजत के बाद उसने विवाह किया। रोकी के पिता ने कहा कि उन्हें बेटे के फैसले पर गर्व है। उन्होंने कहा कि स्वीटी को बहु नहीं, बल्कि बेटी के रूप में स्वीकार किया है।