Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Mar, 2018 08:11 AM
फगवाड़ा के बहुचर्चित संयम गुप्ता हत्याकांड की पहेली आज भी उतनी ही बड़ी पहेली बनी है जितनी पहले थी। ऑन रिकार्ड यह अभी भी रहस्यमय बना हुआ है कि आखिर 11वीं की पढ़ाई कर रहे फगवाड़ा के उक्त छात्र की करनाल में कैसे और क्यों हत्या की गई? पहले उक्त मामले को...
फगवाड़ा (जलोटा): फगवाड़ा के बहुचर्चित संयम गुप्ता हत्याकांड की पहेली आज भी उतनी ही बड़ी पहेली बनी है जितनी पहले थी। ऑन रिकार्ड यह अभी भी रहस्यमय बना हुआ है कि आखिर 11वीं की पढ़ाई कर रहे फगवाड़ा के उक्त छात्र की करनाल में कैसे और क्यों हत्या की गई? पहले उक्त मामले को आत्महत्या और फिर हत्या स्वीकार करने वाले पुलिस तंत्र के पीड़ित परिवार को पूर्ण न्याय प्रदान करने के दिए जाते रहे भारी भरकम आश्वासनों के बीच यह सामने आया कि उक्त हत्याकांड पंजाब व हरियाणा प्रदेश में कार्यरत पुलिस तंत्र के बीच उलझ कर रह गया है।
फगवाड़ा में एक ओर जहां हत्या का शिकार बने संयम गुप्ता के परिजन निरंतर इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं, वहीं हत्याकांड की गहराई से जांच करने का दावा कर रही हरियाणा की करनाल पुलिस की सुई अभी भी अज्ञात हत्यारों तक ही सीमित बताई जा रही है। जबकि फगवाड़ा पुलिस निरंतर तकनीकी कारणों का हवाला दे रही है कि उक्त हत्याकांड की जांच करनाल पुलिस द्वारा की जा रही है और वह करनाल पुलिस को जरूरी सहायता प्रदान कर रहे हैं।
इंसाफ पाने की आस लिए पीड़ित गुप्ता परिवार इस आशा से समय गुजार रहा है कि उसको इंसाफ जरूर मिलेगा लेकि न इस संदर्भ में फगवाड़ा पुलिस थाना सिटी में घटे अहम घटनाक्रम में अब पुलिस ने संयम गुप्ता के लिए इंसाफ मांगने वाले उन सैंकड़ों अज्ञात लोगों के खिलाफ ही धारा 283, 8-बी नैशनल हाईवे एक्ट 1956 के तहत पुलिस केस अवश्य दर्ज कर दिया है जो 6 मार्च को फगवाड़ा की सड़कों पर जस्टिस फार संयम गुप्ता के नारे लगा उतरे थे और यह केस संबंधित शिकायतकर्ता द्वारा एक अखबार में छपी न्यूज को आधार बना फगवाड़ा पुलिस के ध्यानार्थ लाया गया है।