Edited By swetha,Updated: 22 Apr, 2019 12:00 PM
लोकसभा क्षेत्र गुरदासपुर से संबंधित मकौड़ा पत्तन की दूसरी तरफ पाकिस्तान की सीमा के समीप रहते 7 गांवों के लोगों के सब्र का प्याला आखिरकार भर गया है जिन्होंने आरजी पुल टूटने के बावजूद सरकार की ओर से कोई भी सुध न लिए जाने के रोष स्वरूप किसी भी...
गुरदासपुर(हरमनप्रीत): लोकसभा क्षेत्र गुरदासपुर से संबंधित मकौड़ा पत्तन की दूसरी तरफ पाकिस्तान की सीमा के समीप रहते 7 गांवों के लोगों के सब्र का प्याला आखिरकार भर गया है जिन्होंने आरजी पुल टूटने के बावजूद सरकार की ओर से कोई भी सुध न लिए जाने के रोष स्वरूप किसी भी उम्मीदवार को वोट न डालने का ऐलान किया है। इतना ही नहीं पुल के अस्तित्व के कारण बेहद दुखी हो चुके इन गांवों के लोगों ने यहां तक चेतावनी दी कि अगर उनके पास किसी पार्टी का उम्मीदवार या उसका समर्थक वोट मांगने के लिए आया तो वह उसे पीटने से भी गुरेज नहीं करेंगे। इसी के रोष स्वरूप आज उन्होंने दरिया में खड़े होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
7 गांवों के लोग रहते हैं रावी दरिया पार
मकौड़ा पत्तन के पास रावी और उज्ज दरिया का पानी आपस में मिलता है। इस पत्तन की दूसरी तरफ मम्मी चक्करंगा, कुक्कर, तूर बानी, राजपुर चिब, भरियाल, लसियाण और कचले झबर आदि गांव हैं। इन गांवों की दूसरी तरफ पाकिस्तान है। पंजाब सरकार द्वारा यहां पलटून पुल बनाया जाता है जो बरसातों के दिनों में दरिया में पानी का स्तर बढऩे से उठा दिया जाता है। इलाका निवासियों ने बताया कि कुछ महीने पहले सरकार द्वारा बनाया गया आरजी पुल बह गया था जिसका कुछ हिस्सा ही बचा था। पुल के इस हिस्से को दूसरी तरफ जोडऩे के लिए लोगों की सुविधा के लिए मिट्टी का रैंप रूपी रास्ता बनाया गया था, मगर गत दिन वह भी बह गया।
7 दशकों से किसी ने पूरी नहीं की मांग
दरिया पार रहते जसवंत सिंह मम्मी चक्करंगा, बलदेव सिंह तूर बानी, पूर्व सरपंच रूप सिंह भरियाल, हरभजन सिंह मम्मी चक्करंगा, सरोवर सिंह लसियाण, मोहन सिंह कचले झंबर, कश्मीरा सिंह कचले झंबर, प्रदीप कुमार, राम सिंह भरियाल और गुरनाम सिंह तूर आदि सहीत कई लोगों ने कहा कि इन गांवों के लोग पिछले 7 दशकों से इस स्थान पर पक्के पुल के निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, मगर किसी सरकार ने उनकी मांग पूरी नहीं की। उन्होंने कहा कि हर बार चुनावों दौरान तकरीबन सभी पाॢटयों के नेता इन लोगों के साथ बड़े वायदे करके जाते हैं, मगर अभी तक किसी ने इस समस्या का समाधान नहीं किया।