Edited By Des raj,Updated: 19 Sep, 2018 08:53 PM
पंजाब सरकार ने जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव करवाए जरूर हैं लेकिन इन चुनावों में बहुत कम हुई पोलिंग से साफ जाहिर होता है कि लोगों ने इन चुनावों को कोई ज्यादा तरजीह नहीं दी।
जालंधर(महेश): पंजाब सरकार ने जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव करवाए जरूर हैं लेकिन इन चुनावों में बहुत कम हुई पोलिंग से साफ जाहिर होता है कि लोगों ने इन चुनावों को कोई ज्यादा तरजीह नहीं दी।
पतारा सर्कल के कई गांवों का दौरा करने पर देखा गया कि वोटरों की लाइन लगना तो दूर की बात, एक आध वोटर भी रुक-रुककर दिखाई दिए। गांव चांदपुर में दोपहर एक बजे के करीब मीडिया ने देखा कि वहां तैनात दो सुरक्षा कर्मी तो अपनी डयूटी पूरी तरह से निभा रहे थे और पोलिंग स्टेशन का स्टाफ भी मौजूद था, लेकिन वोट डालने वाला कोई नहीं था।
स्टाफ से बात की तो उन्होंने बताया कि इन चुनावों में लोगों का कोई रुझान नहीं दिखाई दिया है। उस समय 874 में से मात्र 189 वोटें ही पोल हुई थीं। शाम चार बजे तक 874 में से कुल 341 वोट ही कास्ट हुए। अकाली दल और कांग्रेस के बूथों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ था। इस बारे में जब कुछ लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इन चुनावों का अब कोई फायदा नहीं रहा है क्योंकि जिला परिषद व पंचायत समिति के सदस्यों के पास कोई पावर नहीं होती, जिसके चलते पांच साल ऐसे ही निकल जाते हैं। उनकी अपनी ही नहीं चलती होती, वह उन लोगों के काम क्या करवाएंगे, जिनके उन्होंने वोट लिए होते हैं। उनका तो यहां तक कहना था कि ऐसे चुनाव करवाने तो बंद ही हो जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह चुनाव पैसे और समय की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं है।