Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jun, 2017 06:43 PM
पंजाब विधानसभा में भारी शाेरशराबे के बीच वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने जी.एस.टी. बिल पेश किया जिसे पास कर दिया गया।
चंडीगढ़: पंजाब राज्य वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक सोमवार को राज्य विधानसभा में आम सहमति से पारित हो गया। वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने विधानसभा में यह विधेयक पेश किया। विधेयक के पारित होने से पहले पूर्व वित्त मंत्री तथा शिरोमणि अकाली दल के नेता परमिन्दर सिंह ढींढ़सा, आप नेता कंवर संधु तथा भाजपा विधायक सोम प्रकाश ने इस पर अपनी बात रखी।
संधु ने जीएसटी के तहत उच्च कर के कारण कृषि कच्चे माल तथा उपकरणों के महंगा होने को लेकर चिंता जताई। आप विधायक ने यह भी कहा कि जीएसटी क्रियान्वयन के बाद पंजाबी सिनेमा पर असर पड़ेगा। उन्होंने यह जानना चाहा कि क्या जीएसटी के अमल में आने के साथ राज्य की वित्तीय स्वायत्तता प्रभावित होगी। ढींढ़सा ने कृषि कच्चे माल पर शून्य कर की मांग की। उन्होंने जोर देकर कहा कि एेसा नहीं किया गया तो राज्य के किसान प्रभावित होंगे।
इससे पहले सदन की कार्रवाई शुरू होते ही शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने रेत खनन मामले पर काम रोको प्रस्ताव रखा। इसे नामंजूर किए जाने पर अकाली विधायकों ने हंगामा किया और सदन से वाकआऊट किया। इससे पहले आम आदमी पार्टी विधायक दल के नेता एचएस फूलका ने सुखपाल खैहरा को बजट सत्र से सस्पेंड करने को लेकर सदन से वाकआउट किया।
विधानसभा की कार्रवाई शुरू होने के बाद शिरोमणि अकाली दल के सदस्यों ने रेत खनन मामले को उठाया और इस पर काम रोको प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की। स्पीकर ने इसे ठुकरा दिया तो शिअद विधायक हंगामा करने लगे। इस पर कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि अकाली दल को चिट्टा पर श्वेत पत्र लाना चाहिए। इसके बाद शिअद विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआऊट कर गए।