पाकिस्तानी मीडिया कर रहा गलत प्रचार, देश के लिए फिर से जेल जाने को तैयार मछुआरे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Nov, 2017 10:46 AM

patriotic fishermen did not make slogans of zindabad pakistan

पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय कैदियों के साथ जेल प्रबंधक कितना गंदा व्यवहार करते हैं, उसके सबूत सर्बजीत व किरपाल की हत्या जैसे मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन भारतीय मछुआरों के मामले में भी पाकिस्तान का जेल प्रबंधन अपनी गलत करतूतों से बाज नहीं आ...

अमृतसर (नीरज): पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय कैदियों के साथ जेल प्रबंधक कितना गंदा व्यवहार करते हैं, उसके सबूत सर्बजीत व किरपाल की हत्या जैसे मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन भारतीय मछुआरों के मामले में भी पाकिस्तान का जेल प्रबंधन अपनी गलत करतूतों से बाज नहीं आ रहा है।

जानकारी के अनुसार पाकिस्तान की कराची स्थित लांडी जेल से 68 भारतीय मछुआरों को रिहा करते समय पाकिस्तान जेल प्रबंधकों ने जबरदस्ती मछुआरों को पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने को कहा, लेकिन किसी भी मछुआरे ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगाए। सभी मछुआरों ने हिन्दुस्तान के प्रति अपनी देशभक्ति दर्शाते हुए पाकिस्तान जिंदाबाद का एक भी नारा नहीं लगाया, जबकि पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि भारतीय मछुआरों ने रिहा होते समय पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए हैं।

पाकिस्तानी मीडिया के इसी दावे का खंडन करते हुए मछुआरों के दल के नेता अब्दुल ने बताया कि पाकिस्तान जेल प्रबंधकों ने उनको रिहा करते समय पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने का दबाव जरूर बनाया था, लेकिन किसी भी मछुआरे ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा नहीं लगाया है, यहां तक कि रिहा होते समय पाकिस्तानी मीडिया ने भी उन पर दबाव बनाया और धमकाया कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाओ, लेकिन किसी भी मछुआरे ने पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा नहीं लगाया है। टीम लीडर ने बताया कि पाकिस्तान कोस्ट गार्ड के अधिकारी जबरदस्ती भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर रहे हैं।

गुजरात के तटवर्तीय इलाकों के रहने वाले सभी मछुआरे मछली पकडऩे के लिए समुद्र में अपनी नौकाओं में उतरते हैं, समुद्र की लहरों में कोई फैसिंग नहीं है, जब भी कोई तेज लहर आती है तो पता ही नहीं चलता है कि कब पाकिस्तानी सीमा में उनकी नौका पहुंच गई है और पाकिस्तानी कोस्ट गार्ड के कर्मचारी इसका फायदा उठाते हैं, जबकि अंतर्राष्ट्रीय संधि के अनुसार गलती से सीमा पार करने वाले व्यक्ति की तुरंत रिहाई किया जाना तय हुआ है, लेकिन पाकिस्तान इसका सरेआम उल्लंघन कर रहा है।

मछुआरों के मुखिया ने कहा कि जेल में सजा काटने के दौरान भी पाकिस्तानी जेल प्रबंधकों का व्यवहार भारतीय मछुआरों के प्रति अच्छा नहीं है। यदि कोई मछुआरा बीमार हो जाता है तो उसका पूरा इलाज नहीं करवाया जाता है इसके चलते कई मछुआरों की मौत भी हो चुकी है। सभी मछुआरों ने कहा कि वह हिन्दुस्तान के रहने वाले हैं और हिन्दुस्तान उनके दिल में बसता है। पाकिस्तानी जेल प्रबंधक उनसे जबरदस्ती पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगवा सकते हैं चाहे उनको दोबारा ही जेल में क्यों न रहना पड़

पागल हो चुके हैं लांडी जेल में बंद सिविल कैदी
‘पंजाब केसरी ने के साथ मछुआरों ने खुलासा किया है कि कराची की लांडी जेल में भी कुछ सिविल कैदी बंद हैं, जो अपनी सजा भी पूरी कर चुके हैं और पाकिस्तानी जेल प्रबंधकों की थर्ड डिग्री व अत्याचार से वे पागल हो चुके हैं लेकिन पाकिस्तान सरकार उनको रिहा नहीं कर रही है। इतना ही नहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय भी अपने सिविल कैदियों को रिहा करवाने के कोई खास प्रयास नहीं कर रहा है।

मछुआरों ने बताया कि पाकिस्तान का जेल प्रबंधन सिविल कैदियों से बहुत बुरा सलूक करता है, जिसके चलतेज्यादातर सिविल कैदी अपना मानसिक संतुलन खो बैठते हैं। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय सिविल कैदियों पर पाकिस्तानी सुरक्षा एजैंसियां जासूस होने का आरोप लगाती है और उनसे जबरदस्त मारपीट व थर्ड डिग्री का प्रयोग किया जाता है।

इंजीनियर हामिद निहाल अंसारी को भी नहीं कर रहे रिहा
प्यार के चक्कर में पाकिस्तान पहुंचने वाले मुंबई के इंजी. हामिद निहाल अंसारी को भी जेल में सजा काटते हुए 5 वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन पाकिस्तान हामिद अंसारी को रिहा नहीं कर रहा है जबकि उसे 3 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। हामिद के केस की पैरवी करने वाली पाकिस्तानी पत्रकार जीनत को भी 2 वर्ष तक अगवा रखा गया और उसके भाई ने भी आत्महत्या कर ली। पाकिस्तान से रिहा होकर आए कैदियों के अनुसार पाकिस्तान की कोटलखपत जेल में भी कई सिविल कैदी बंद हैं, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं, लेकिन भारत सरकार की तरफ से उनकी रिहाई के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।

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