पटेल अस्पताल में इलाज दौरान मरीज की मौत, परिजनों ने लगाए लापरवाही के आरोप

Edited By swetha,Updated: 04 Sep, 2018 08:43 AM

patient died in hospital

आए दिन सुर्खियों में रहने वाले शहर के चर्चित पटेल अस्पताल में उपचार के दौरान मरीज की मौत को लेकर बवाल मच गया। भड़के परिजनों ने अस्पताल के डाक्टरों पर मरीज के इलाज दौरान लापरवाही का आरोप लगाए व करीब 8 घंटे तक जमकर रोष जताया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने...

जालंधर (रमन, रत्ता): आए दिन सुर्खियों में रहने वाले शहर के चर्चित पटेल अस्पताल में उपचार के दौरान मरीज की मौत को लेकर बवाल मच गया। भड़के परिजनों ने अस्पताल के डाक्टरों पर मरीज के इलाज दौरान लापरवाही का आरोप लगाए व करीब 8 घंटे तक जमकर रोष जताया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जानकारी ली साथ ही मृतक के परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया। मृतक की पहचान पप्पी रत्न लाडी (40) पुत्र प्रेम दास वासी दीनदयाल उपाध्याय नगर के रूप में हुई है, जो बिजली का काम करता था।

मरीज की पत्नी लाडी रत्न ने बताया कि उनके पति की जीभ पर करीब एक माह पहले खाना खाते हुए कट लग गया था जिसमें बाद रेशा भर गया। इसका इलाज पहले कपूरथला चौक स्थित एक अस्पताल में चल रहा था। 15 दिन पहले उन्होंने पटेल अस्पताल में इलाज करवाने के लिए भेज दिया। यहां आकर डाक्टरों ने उनके टैस्ट करने शुरू कर दिए और कुछ टैस्ट जांच के लिए भेजे। रिपोर्ट आने के बाद डाक्टरों ने आप्रेशन करने की बात कही, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए पटेल अस्पताल दाखिल करवाया गया।

मृतक की पत्नी लाडी रत्न ने कहा कि जब वह अपने पति को डा. शमित अरोड़ा को दिखाने लाए थे तो उन्होंने कहा था कि जख्म मामूली है छोटे से आप्रेशन में ठीक हो जाएगा। उसके बाद 23 अगस्त को अस्पताल द्वारा फोन कर बुलाया गया। 26 अगस्त को वह खुद चल कर आए और उनका पहला आप्रेशन हुआ और बाद में 28 अगस्त को दूसरा। मगर उसके बाद मरीज ठीक नहीं हुआ। उन्हें वैंटीलेटर पर लगाकर डाक्टर हर रोज 40 से 50 हजार रुपए जमा करवाते रहे। अब तक लाखों रुपए जमा करवा चुके हैं। \

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सुबह करीब 11 बजे से पटेल अस्पताल में चल रहे हंगामे को शांत करने के लिए 3 थानों के एस.एच.ओ. पुलिस फोर्स व ए.सी.पी. देर शाम 7 बजे तक अस्पताल में डटे रहे। पूरा अस्पताल छावनी में तबदील हो गया। देर शाम थाना 4 के प्रभारी सुखदेव सिंह ने परिजनों को शांत किया और उन्हें आश्वासन दिलाया कि मृतक का पोस्टमार्टम करवाया जाएगा जिसकी रिपोर्ट के बाद बनती कानूनी कार्रवाई की जाएगी। थाना प्रभारी सुखदेव सिंह ने बताया कि  शव को पोस्टमार्टम करवाने के लिए सिविल अस्पताल रखवा दिया है। सुबह पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा।

मरीज की मौत हो चुकी थी सिर्फ पैसे हड़पने के लिए वैंटीलेटर पर रखा 
परिजनों ने पुलिस प्रशासन को बताया कि मरीज पप्पी रत्न की मौत 2 दिन पहले ही हो चुकी थी सिर्फ पैसे हड़पने के लिए उसे वैंटीलेटर पर रखा हुआ था। बार-बार पूछने पर उन्हें मरीज से मिलने नहीं दिया। परिजनों का रोष बढ़ता देख डाक्टरों ने बाद दोपहर कहा कि इलाज दौरान इसकी मौत हो गई। अस्पताल की मैनेजमैंट उन्हें मरीज को आई.सी.यू. वार्ड में देखने के लिए जाने नहीं दे रही है।

2 तारीख को पैसे जमा नहीं हुए तो अस्पताल ने कहा -मरीज को यहां से ले जाओ : परिजन
मृतक के परिजन छोटे भाई नवीन, बहन नीना, वीना, जीजा मोहन लाल, रितु, निकिता (बेटियां) कृष्णा रत्न (बेटा) सहित अन्य रिश्तेदारों ने डाक्टर शमित समेत अस्पताल प्रबंधकों पर इलाज में कोताही बरतने के आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल स्टाफ ने 2 तरीख को पैसे जमा करवाने के लिए कहा था। पैसे जमा करवाने में हो रही देरी के चलते डाक्टरों ने मरीज से मिलने से रोक दिया और कहा कि मरीज की हालत खराब है, उसे दूसरे अस्पताल ले जाओ।

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धक्का-मुक्की दौरान अस्पताल के दरवाजे का टूटा शीशा
डाक्टरों द्वारा मरीज में लापरवाही को लेकर सुबह जब मरीज के परिजन विलाप कर रहे थे तो अस्पताल की सिक्योरिटी उन्हें रोक रही थी। इस दौरान दोनों तरफ से हुई धक्का-मुक्की में अस्पताल के दरवाजे का शीशा टूट गया, मगर कुछ समय बाद अस्पताल ने टूटे हुए शीशे के टुकड़े उठवा कर सफाई करवा दी।

मौके पर मौजूद रहे आई.एम.ए. के पदाधिकारी व सदस्य
पटेल अस्पताल में सोमवार को रोगी के परिजनों द्वारा बवाल मचाने के उपरांत इंडियन मैडीकल एसो. (आई.एम.ए.) द्वारा फोन पर मैसेज भेजे जाने पर एसो. के पदाधिकारी व सदस्य मौके पर पहुंचने शुरू हो गए और उन्होंने स्थिति संभालते हुए मृतक के परिजनों को संवेदना देने के साथ-साथ समझाना शुरू किया। शाम को मामला शांत होने तक कई पदाधिकारी व सदस्य वहां मौजूद रहे।

इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई, लिवर फेल होने से हुई मौत : डा. शमित चोपड़ा
 मृतक पप्पी रत्न का इलाज करने वाले पटेल अस्पताल के प्रमुख हैड एंड नैक कैंसर सर्जन डा. शमित चोपड़ा ने बताया कि रोगी के इलाज में कोई लापरवाही नहीं हुई। जब वह उनके पास दिखाने हेतु आया तो टैस्टों के बाद पता चला कि उसे जीभ का कैंसर था, जोकि गले तक फैल चुका था और काफी एडवांस स्टेज पर था। रोगी पहले से ही लिवर की बीमारी से ग्रस्त था। सभी स्पैशलिस्ट डाक्टरों की सलाह से कैंसर का आप्रेशन किया गया और आप्रेशन के लगभग एक सप्ताह बाद जब उसका लिवर फेल हो गया तो रोगी को आई.सी.यू. में शिफ्ट किया गया जहां सोमवार दोपहर को उसकी मौत हो गई।PunjabKesari 

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