गलत इंजैक्शन लगाने से मरीज की मौत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Dec, 2017 10:21 AM

patient death due to wrong injection

गुरु नानक देव अस्पताल के सर्जिकल वार्ड नंबर-1 में  इंजैक्शन लगाने के उपरांत मरीज की मौत हो गई। मौत का जिम्मेदार डाक्टरों को ठहराया गया है। परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने वार्ड के इंचार्ज को इस संबंधी शिकायत की तो डाक्टर ने धमकी दी कि चुपचाप यहां...

अमृतसर(दलजीत): गुरु नानक देव अस्पताल के सर्जिकल वार्ड नंबर-1 में  इंजैक्शन लगाने के उपरांत मरीज की मौत हो गई। मौत का जिम्मेदार डाक्टरों को ठहराया गया है। परिजनों का कहना है कि जब उन्होंने वार्ड के इंचार्ज को इस संबंधी शिकायत की तो डाक्टर ने धमकी दी कि चुपचाप यहां से चले जाओ नहीं तो पुलिस से पकड़वाकर पर्चा दर्ज करवा देंगे। उधर, दूसरी ओर विभाग के मुखी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। 

जानकारी के अनुसार जम्मू के तृप्ता नगर की रहने वाली 45 वर्षीय तोषी को पेट में रसौली की शिकायत थी। उसके पित में पथरी भी थी। तोषी के पति मनोहर लाल व उसकी बहन तारा रानी ने बताया कि तोषी को सॢजकल वार्ड नंबर-1 में दाखिल करवाया गया था। बुधवार को डाक्टरों ने उसका ऑप्रेशन कर रसौली निकाल दी। इसके बाद से ही उसे तेज दर्द हो रहा था। उन्होंने डाक्टर को इस बाबत बताया। वीरवार की सुबह तकरीबन साढ़े 5 बजे एक महिला डॉक्टर ने तोषी को इंजैक्शन लगाया। इंजैक्शन लगाने के कुछ समय बाद ही उसके मुंह से झाग निकलने लगी और देखते ही देखते उसने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
तारा रानी के अनुसार उन्हें अंदेशा है कि महिला डाक्टर द्वारा गलत इंजैक्शन लगाने की वजह से उनकी बहन की जान गई है।

वह रात को बिल्कुल ठीक थी। सभी से बात भी कर रही थी। हम 2 दिन बाद यहां से छुट्टी लेकर घर जाने वाले थे, लेकिन डाक्टरों की लापरवाही के कारण उसकी लाश उठाने को मजबूर हो गए। मनोहर लाल ने बताया कि वह अपनी पत्नी की मौत संबंधी शिकायत लेकर जब वार्ड के इंचार्ज के पास गए तो उन्होंने उन्हें दिलासा देने की बजाय धमकी दी कि चुपचाप यहां से चले जाओ, नहीं तो पुलिस को बुला कर पकड़वा देंगे तथा मरीज का भी पोस्टमार्टम करवा डालेंगे।

मरीज के परिजन राजिन्द्र शर्मा राजू ने कहा कि सरकारी अस्पताल में दवाइयां व टैस्ट नि:शुल्क किए जाते हैं, परन्तु फिर भी उक्त वार्ड में 15 हजार से अधिक पैसे खर्च कर मरीज का आप्रेशन करवाया गया। डा. सुदर्शन कपूर का व्यवहार मरीजों के प्रति बेहद खराब है। मरीजों के जख्मों पर मरहम लगाने की बजाय वह उनको दुदकार रहे हैं। उन्होंने इस संबंधी अस्पताल के मैडीकल सुपरिंटैंडैंट को भी शिकायत दी है।

क्या कहते हैं वार्ड के इंचार्ज

सर्जकिल वार्ड नंबर-1 के इंचार्ज डा. सुदर्शन कपूर ने कहा कि उन्होंने ही उक्त महिला को आप्रेट किया था। सब कुछ ठीक-ठाक था। तोषी को सुबह दर्द निवारक इंजैक्शन लगाया गया था। यह इंजैक्शन दर्जनों मरीजों को भी लगाया गया। इंजैक्शन लगने से यदि उसकी मौत हुई होती तो जाहिर है कि बाकी मरीजों को भी नुक्सान पहुंच सकता था। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि तोषी के फेफड़ों में इंफैक्शन हुआ था। हो सकता है कि इसी वजह से उसकी जान गई हो। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे व बेबुनियाद हैं।

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