Edited By Anjna,Updated: 27 Jun, 2018 07:48 AM
सरहिंद के नजदीक कई गांवों में आंधी तूफान आने के कारण जहां सैंकड़ों पेड़ टूट गए, वहीं कई पेड़ गांव रीओना के नजदीक नरवाना नहर में गिर जाने के कारण नहर का पानी रुक गया और पानी नहर के किनारे तक पहुंच गया, जिससे कई गांवों में बाढ़ आने का खतरा बन गया था।
फतेहगढ़ साहिब(जज्जी): सरहिंद के नजदीक कई गांवों में आंधी तूफान आने के कारण जहां सैंकड़ों पेड़ टूट गए, वहीं कई पेड़ गांव रीओना के नजदीक नरवाना नहर में गिर जाने के कारण नहर का पानी रुक गया और पानी नहर के किनारे तक पहुंच गया, जिससे कई गांवों में बाढ़ आने का खतरा बन गया था। आसपास के गांवों के लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद से बड़ा हादसा होने से टल गया। इस कारण आसपास के दर्जन गांवों के लोगों में दहशत का माहौल है।
जिला प्रशासन पूरी तरह चौकस है और हर पल हालात पर नजर रख रहा है। आम आदमी पार्टी के जिला प्रधान एडवोकेट लखवीर सिंह राय ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इस हादसे के लिए संबंधित विभाग जिम्मेदार है जिन्होंने कभी नहर की सफाई करवाई ही नहीं, जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा द्वारा हर साल इस नहर की सफाई के लिए करीब 12 करोड़ रुपए दिए जाते हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि नहरी विभाग के बेलदार लगाकर नहर की सफाई करवाई जाए। इसके अलावा तेज हवाओं से प्रभावित हुई बिजली सप्लाई भी जल्द बहाल की जाए।
क्या कहते हैं एस.डी.एम.
इस संबंधी एस.डी.एम. मनजीत सिंह चीमा से बात करने पर उन्होंने कहा कि आज सुबह आंधी तूफान आने के कारण गांव रीओना के पास बने 4 साइफनों में से 2 ब्लॉक हो गए, जिस कारण पानी रुकने से पानी नहर के किनारों तक पहुंच गया था, वह मौके पर पहुंचे और एक क्रेन और लोगों की सहायता से साइफन खोलने की कोशिश की गई। वहां पानी का बहाव इतना तेज था कि गोताखोर भी फेल हो गए। इसलिए नहर विभाग के अफसर भी मौके पर बुलाए और नहरी विभाग को डिप्टी कमिश्नर कंवलप्रीत बराड़ ने पानी कम करने के लिए कहा जिस पर नहरी विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पानी 3986 क्यूसिक से कम कर 2600 क्यूसिक कर दिया, जिससे पानी नहर की पटरी से करीब 1 फुट नीचे चला गया। फिर भी उक्त साइफन को खोलने के लिए पानी बंद करवाना जरूरी है।
वहां मौके पर अफसरों की ड्यूटी लगा दी गई है। अभी स्थिति काबू में है। उन्होंने कहा कि नरवाणा नहर का पानी हरियाणा में भी जाता है और वहां लोग इस पानी को पीने के लिए प्रयोग करते हैं। इसलिए इसको बंद करने की मंजूरी लेने में समय लग रहा है। इस मौके पर रणजीत सिंह, सुखचैन सिंह, सुखदेव सिंह, इंद्रजीत सिंह, मालव टिवाणा, मनदीप कौर नागरा, थाना मुल्लेपुर के मुखी प्रदीप सिंह बाजवा, नहरी विभाग के कार्यकारी इंजीनियर चंद्र मोहन शर्मा, एस.डी.ओ. जसदीप कौर आदि हाजिर थे।