पंजाब कैबिनेट के बयान पर प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो ने किया पलटवार

Edited By Vatika,Updated: 07 Aug, 2020 09:17 AM

partap singh bajwa and shamsher singh dullo

पंजाब में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद राज्यसभा मैंबर प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो की तरफ से लिए गए सख्त स्टैंड उपरांत पंजाब की

गुरदासपुर (हरमन): पंजाब में जहरीली शराब से हुई मौतों के बाद राज्यसभा मैंबर प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो की तरफ से लिए गए सख्त स्टैंड उपरांत पंजाब की कैबिनेट की तरफ से जारी किए प्रैस नोट के कारण बाजवा व दूलो ने फिर से कैप्टन और सरकार पर पलटवार किया है। इसके अंतर्गत आज देर शाम बाजवा और दूलो ने कहा कि जैसे 1980 व 90 के दशकों दौरान असली घटना के 48-48 घंटों के बाद झूठे पर्चे दर्ज किए जाते थे, उसी तरह अब पंजाब सरकार ने कैबिनेट की मीटिंग के 24 घंटों बाद एक झूठा और निराधार प्रैस नोट जारी किया है, जबकि मंत्रिमंडल में शामिल उनके करीबी मंत्रियों ने स्पष्ट रूप में बताया है कि कल मंत्रिमंडल की हुई मीटिंग में उनके मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई थी।

उन्होंने कहा कि वे याद करवाना चाहते हैं कि सुनील जाखड़ वही व्यक्ति हैं जो खुद उस समय कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के कार्य की आलोचना करते रहे थे और अब वह इस तरह प्रतिक्रम कर रहे हैं जैसे कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अपना फर्ज निभाने में कभी असफल न हुए हों। सरकार की तरफ से लोक हितों के विरुद्ध किए जा रहे कामों के बावजूद यदि पार्टी की आलोचना नहीं की जा सकती तो यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के उलट है। बाजवा व दूलो ने कहा कि वे पार्टी हितों की दुहाई दे रहे कैप्टन हिमायतियों को यह भी बताना चाहते हैं कि पंजाब के मुख्यमंत्री वही कैप्टन अमरेन्द्र सिंह हैं जिन्होंने प्रताप सिंह बाजवा के पंजाब कांग्रेस के प्रधान होने मौके न सिर्फ  पंजाब कांग्रेस, बल्कि पार्टी हाईकमान का विरोध और आलोचना करनी शुरू कर दी थी। यहां तक कि उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ भी कई टिप्पणियां कर दी थीं।

उन्होंने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा गठजोड़ सरकार के कार्यकाल मौके जब प्रताप सिंह बाजवा पंजाब कांग्रेस के प्रधान के तौर पर ड्रग केस के मामले में बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम आने पर सी.बी.आई. जांच की मांग कर रहे थे तो इसी कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने उस दौरान बयान जारी कर बाजवा की मांग का विरोध किया था कि पंजाब पुलिस ही इसकी निष्पक्ष जांच कर सकती है। उस मौके पर सारे पंजाब को पता था कि पंजाब में सारा राजपाठ बादल और मजीठिया परिवार के हाथ में था, परन्तु कैप्टन ने नशों के मामले में कांग्रेस का साथ देने की बजाय मजीठिया और बादल सरकार का साथ देने के लिए कांग्रेस का सरेआम विरोध किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वर्करोंं और पंजाब के लोगों को यह भी बताने की जरूरत है कि पंजाब पुलिस के पास अभी तक भी उस केस की असली फाइल नहीं है और यह फाइल वापस लेने के लिए कैप्टन सरकार ने कोई भी पटीशन दायर नहीं की है। वे दोनों पार्टी को बचाने और लोगों में पार्टी की साख को बचाने के लिए ही काम कर रहे हैं।

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