Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Nov, 2017 04:20 PM
पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डालने के अपने बयान के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह पार्टी के अंदर चारों ओर से घिरते नजर आ रहे हैं।
जालंधर (रविंदर शर्मा): पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डालने के अपने बयान के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह पार्टी के अंदर चारों ओर से घिरते नजर आ रहे हैं।
माझा के विधायकों के बाद अब पूर्व प्रदेश प्रधान व सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने भी कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बाजवा ने कैप्टन सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए है जिससे धीरे -धीरे पार्टी के भीतर ही कैप्टन के खिलाफ बगावत के सुर उभरने लगे हैं। आने वाले दिनों में न केवल पार्टी के भीतर ही इसकी चिंगारी भड़क सकती है, बल्कि साथ ही नगर निगम चुनावों को लेकर भी कांग्रेस की दुर्गति हो सकती है।
गौर हो कि अकाली-भाजपा सरकार के दौरान कांग्रेस ने नशे के मुद्दों को लेकर बिक्रमजीत सिंह मजीठिया पर तगड़े हमले किए थे। यहां तक दावे किए गए थे कि कांग्रेस सरकार बनते ही मजीठिया को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। यहां तक कि कांग्रेस ने प्रत्येक सब-डिवीजन पर धरना दिया था। मजीठिया मामले को लेकर शुरूसे ही बाजवा व कैप्टन के बीच छत्तीस का आंकड़ा रहा है। ड्रग मााफिया जगदीश भोला के साथ मजीठिया का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस ने सबसे पहले मोर्चा उस समय खोला था, जब प्रताप सिंह बाजवा प्रदेश कांग्रेस के प्रधान थे।
बाजवा के आदेश के बाद जिला हैडक्वार्टरों पर सभी जिला प्रधानों की अगुवाई में मजीठिया के खिलाफ धरना दिया गया था। उस समय प्रताप सिंह बाजवा व अन्य कांग्रेसी नेताओं ने साफ तौर पर कहा था कि पूरे मामले की सी.बी.आई. जांच करवाई जाए। उस समय भी केवल कैप्टन ने ही यह कह कर अड़ंगा डाल दिया था कि इस मामले में सी.बी.आई. का दखल ठीक नहीं रहेगा। पूरी कांग्रेस कमेटी उस समय भी कैप्टन के इस बयान के खिलाफ थी। बाजवा ने तो यहां तक आरोप लगा दिया था कि कैप्टन नहीं चाहते कि मजीठिया के खिलाफ कोई कार्रवाई हो। यही मुद्दा एक बार फिर से कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में उभर कर सामने आ रहा है। कैप्टन के इस बयान के बाद मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल ई.डी. इस मामले में जांच कर रही है।
दूसरी तरफ पार्टी के अंदर माझा के विधायक मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एकजुट हो चुके हैं और लगातार कैप्टन पर दबाव डाला जा रहा है मगर कैप्टन के इस बयान के बाद माझा के विधायकों का दिल भी टूट गया है। दूसरी तरफ अब सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने भी कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है। बाजवा का कहना है कि मजीठिया के खिलाफ हर हाल में कार्रवाई होनी चाहिए। अगर मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो पार्टी किस आधार पर जनता के बीच जाएगी? इसका नुक्सान पार्टी को आने वाले चुनावों में भी उठाना पड़ सकता है, क्योंकि जनता साफ तौर पर कांग्रेस से पूछेगी कि अभी तक मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई?