महंगाई लोकसभा चुनाव में मुख्य मुद्दा बनेगी, ‘आप’ का वजूद खत्म : परनीत कौर

Edited By Vatika,Updated: 03 Sep, 2018 12:32 PM

parneet kaur

2009 से 2014 तक केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री के पद पर कार्य करने वाली पटियाला की पूर्व सांसद व मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह की पत्नी परनीत कौर ने अपना सियासी करियर 1999 में पटियाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ कर शुरू किया था। 1999 में चाहे परनीत कौर...

जालन्धर(धवन) : 2009 से 2014 तक केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री के पद पर कार्य करने वाली पटियाला की पूर्व सांसद व मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह की पत्नी परनीत कौर ने अपना सियासी करियर 1999 में पटियाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ कर शुरू किया था। 1999 में चाहे परनीत कौर चुनाव जीत गई थी परन्तु कांग्रेस उस समय विपक्ष में थी। 2004 में हुए लोकसभा चुनाव के समय परनीत कौर ने पुन: चुनाव जीता तथा केंद्र में भी उस समय कांग्रेस के नेतृत्व वाली यू.पी.ए. की सरकार बनी।

पहले 2 बार सांसद के तौर पर कार्य करते हुए परनीत कौर ने फूड, सिविल सप्लाई व पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन, महिला सशक्तिकरण व सार्वजनिक उद्यमों पर आधारित विभिन्न कमेटियों में कार्य किया।इसी तरह से कृषि मंत्रालय तथा पैट्रोलियम व प्राकृतिक गैस पर आधारित कमेटियों में भी परनीत कार्य करती रही। 2009 में परनीत ने लगातार तीसरी बार पटियाला सीट से लोकसभा चुनाव जीता तथा यू.पी.ए. 2 में वह विदेश राज्यमंत्री के पद पर रही। 2014 का चुनाव वह आम आदमी पार्टी के धर्मवीर गांधी से लगभग 20,000 मतों से हार गई थी। बाद में परनीत कौर ने पटियाला विधानसभा सीट का भी प्रतिनिधित्व किया। वह उन कांग्रेसी विधायकों में शामिल थी, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट का एस.वाई.एल. मामले में आए फैसले के बाद विधायक पद से इस्तीफा दिया था। पंजाब व केंद्र की राजनीति से जुड़े कई सवालों को लेकर उनसे बातचीत की गई। 

प्र. केंद्र में मोदी सरकार की साढ़े 4 वर्षों की कारगुजारी को आप किस तरह से लेते हैं?
उ.
2014 में लोकसभा के आम चुनावों में देश की जनता ने भाजपा के दिए अच्छे दिनों के स्वप्र संबंधी नारों को लेकर वोट डाली थी। लोगों को भ्रमित किया गया था कि उनके बैंक खातों में 15-15 लाख रुपए डाल दिए जाएंगे तथा विदेशों से काला धन वापस आ जाएगा। वास्तव में यह सारा ड्रामा कांग्रेस की तत्कालीन सरकार बदनाम करने के लिए रचा था। अब तो वास्तव में देश की परिस्थितियां 2014 की तुलना में और भी खराब हो गई हैं।

प्र. देश में 2019 में होने वाले आम चुनावों में मोदी के नेतृत्व में भाजपा का प्रदर्शन कैसा रहेगा?
उ.
देश की जनता का मोह भाजपा व मोदी दोनों से भंग हो चुका है। अब वह उनके नारों पर विश्वास करने वाले नहीं। नौजवान वर्ग, जिसने पिछले चुनाव में केंद्र में मोदी की सरकार बनाने में विशेष योगदान डाला था, मोदी से टूट चुका है। मुझे नहीं लगता कि अब मोदी के नेतृत्व में दोबारा भाजपा की सरकार केंद्र में बनेगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर कड़ी मेहनत कर रहे हैं तथा पार्टी को उम्मीद है कि वह मोदी को परास्त करने में कामयाब होगी।

प्र. देश में पैट्रोलियम उत्पादों के दाम शिखर को छू रहे हैं?
उ.
देश में महंगाई चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। देश में 2014 में रुपया डालर के मुकाबले 56 के स्तर पर चल रहा था, जो अब 70 के स्तर पर पहुंच चुका है। पैट्रोल के दाम 2014 में 62 व डीजल के दाम 44 रुपए प्रति लीटर थे, जो अब क्रमश: 84 व 70 पर पहुंच चुके हैं। इसी तरह से गैस सिलैंडर 382 रुपए हुआ करता था, जो अब 800 रुपए को छू रहा है। दालों के दाम औसत काफी कम थे, जो अब 100 से ऊपर पहुंच चुके हैं। महंगाई पर नियंत्रण पाने में केन्द्र सरकार बुरी तरह से फ्लाप सिद्ध हुई है। 

प्र. : क्या आप समझते हैं कि कांग्रेस अन्य राजनीतिक पार्टियों को अपने साथ मिलाकर केन्द्र में सरकार बनाने में कामयाब होगी?
उ. :
मेरा पूरा मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस दिशा में कामयाब होंगे। इस समय देश की सभी पार्टियों का एकमात्र लक्ष्य मोदी को सत्ता से बाहर करना है, क्योंकि उनकी सरकार के कार्यकाल में देश की सुरक्षा व आर्थिक ढांचा पूरी तरह से खतरे में पड़ चुका है।

प्र. : पंजाब में आम आदमी पार्टी तथा अकाली-भाजपा गठबंधन की हालत किस तरह की रहने वाली है?
उ. :
पंजाब में आम आदमी पार्टी पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है। गुरदासपुर लोकसभा सीट का उपचुनाव हो या फिर शाहकोट विधानसभा सीट का उपचुनाव। दोनों में आम आदमी पार्टी की जमानतें जब्त हो गई। आम आदमी पार्टी का वजूद पूरी तरह से खत्म हो चुका है तथा वह राज्य में एक भी लोकसभा सीट जीतने में कामयाब नहीं होगी। कार्पोरेशन चुनाव भी कांग्रेस ने बड़ी शान से जीते हैं। मुझे लगता है कि अकाली-भाजपा गठबंधन के प्रति जनता में व्याप्त गुस्सा अब और भी बढ़ चुका है। लोकसभा चुनाव में मतदाता एक बार फिर से शिअद-भाजपा गठबंधन को नकार देंगे। 

प्र. : शिअद-भाजपा में जनता के अंदर व्याप्त गुस्से का क्या कारण है?
उ. :
वास्तव में पिछले 10 वर्षों में पूर्व गठबंधन सरकार के समय हर क्षेत्र में माफिया राज ने फन फैलाया हुआ था। चारों ओर भ्रष्टाचार व्याप्त था। कानून व्यवस्था की हालत काफी पतली हो चुकी थी।पूर्व अकाली सरकार के समय धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाएं चरम सीमा पर पहुंच चुकी थीं। इस कारण जनता में गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। मुझे नहीं लगता कि गठबंधन राज्य में 13 सीटों में से कोई भी सीट जीतने में कामयाब होगा। 

प्र. : पटियाला लोकसभा सीट पर कांग्रेस की चुनावी तैयारियां कैसी चल रही हैं?
उ. : लोकसभा चुनाव में चाहे अभी 7-8 महीने का समय शेष है परन्तु कांग्रेस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। पटियाला सीट में पड़ते 9 विधानसभा हलकों में कार्यकत्र्ताओं के साथ वह स्वयं बैठकें कर रही हैं। इनमें आने वाले दिनों में और तेजी आ जाएगी। 

प्र. : केन्द्र में राफेल विमानों को लेकर हुए घोटाले का क्या असर पड़ेगा?
उ. : राफेल विमानों की खरीद में हुए घोटाले को कांग्रेस जनता के सामने लेकर आई है तथा जनता भी अचंभित है कि आखिर राफेल विमानों की कीमत को अचानक क्यों इतना अधिक बढ़ा दिया गया है। 

प्र. : पंजाब में मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार की कारगुजारी से क्या आप संतुष्ट हैं?
उ. : कै. अमरेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद छोटे किसानों के 2-2 लाख रुपए के कर्जे माफ किए तो वहीं पर दूसरी ओर नशों पर नियंत्रण पाने के लिए नशा तस्करों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया है। इस प्रकार रोजगार मेले आयोजित किए गए तथा राज्य में गैंगस्टरों का सफाया कर दिया गया। कुल मिलाकर सरकार ने अल्प समय में सुधार की तरफ काफी कदम उठाए हैं तथा आने वाले महीनों में सरकार और तेजी से काम करती हुई दिखाई देगी। 

प्र. : राज्य में अकाली जस्टिस रंजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट के बाद कांग्रेसियों के पुतले फूंक रहे हैं?
उ. : जस्टिस रंजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट ने सच्चाई को उजागर किया है। अकाली नेता हताशा की स्थिति में हैं तथा अब ऐसी स्थिति में वह जनता के सामने अपना क्या पक्ष रख सकते हैं। सच्चाई तो जनता के सामने आ चुकी है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए उम्रकैद की सजा का प्रावधान कर सही दिशा में कठोर कदम उठाया है। अब आने वाले समय में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।

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