Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Aug, 2017 10:24 AM
सैंकड़ों पर्ल निवेशकों ने भंगू परिवार के 7 सदस्यों और मैनेजमैंट के कुछ व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दिए जाने के बावजूद भी पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई न करने पर डिप्टी कमिश्रर दफ्तर के सामने धरना देकर रोड जाम कर दिया।
पटियाला (बलजिन्द्र, जोसन): सैंकड़ों पर्ल निवेशकों ने भंगू परिवार के 7 सदस्यों और मैनेजमैंट के कुछ व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दिए जाने के बावजूद भी पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई न करने पर डिप्टी कमिश्रर दफ्तर के सामने धरना देकर रोड जाम कर दिया। पर्ल निवेशकों ने भंगू परिवार और पर्ल मैनेजमैंट के खिलाफ नारेबाजी की। इसके साथ ही उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि उनके करोड़ों रुपए वापस करवाने की बजाय पुलिस भंगू परिवार का साथ दे रही है।
जब पुलिस ने कोई सुनवाई न की तो एक तरफ 200 पर्ल निवेशकों ने डी.सी. दफ्तर घेर लिया और दूसरी तरफ आधा दर्जन पर्ल निवेशक डी.सी. दफ्तर से कुछ दूरी पर पासी रोड स्थित बाबा जीवन सिंह नगर वाली पानी की टैंकी पर चढ़ गए। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस को हाथों पैरों की पड़ गई और थाना त्रिपड़ी के एस.एच.ओ. इंस्पैक्टर राजेश मल्होत्रा, थाना सिविल लाइन के एडिशनल एस.एच.ओ. करनैल सिंह, स्पैशल सैल के इंचार्ज सुरिंद्र पाल सिंह, ए.एस.आई. प्रदीप मौके पर पहुंचे।
उन्होंने निवेशकों से नीचे आने की अपील की और साथ ही बताया कि डिप्टी कमिश्रर ने टैंकी पर चढऩे पर पाबंदी लगाई हुई है जिस पर पर्ल निवेशक 10 दिन में कार्रवाई किए जाने के आश्वासन मिलने के बाद देर सायं टैंकी से उतर गए।
करोड़ों रुपए हड़पने के आरोप में पुलिस को दी थी अर्जी
निवेशकों की तरफ से गठित ‘इंसाफ की आवाज’ आर्गेनाइजेशन पंजाब के प्रधान महेंद्र पाल सिंह और जिला प्रधान ज्ञान खान ने बताया कि उनकी तरफ से भंगू परिवार के 7 सदस्यों और पटियाला के जिला मैनेजर के खिलाफ लोगों के करोड़ों रुपए हड़पने के आरोप में कार्रवाई करने के लिए पुलिस को अर्जी दी गई थी। इस मामले की जांच एस.पी.(डी.) हरविंद्र सिंह को सौंपी गई है।
निवेशक पहले भी कर चुके हैं प्रदर्शन
पर्ल निवेशक इससे पहले भी बड़ी संख्या में ज्ञान सागर कालेज में रोष प्रदर्शन कर चुके हैं, जहां कई पर्ल निवेशकों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई भी की थी। इसके बाद अब फिर से पर्ल निवेशकों ने अपना संघर्ष शुरू किया है। 2 दिन पहले ही डिप्टी कमिश्रर ने एक आदेश जारी करके टैंकी पर चढऩे पर पाबंदी लगाई थी।