बुढ़ापे की लाठी को बचाने के लिए अभिभावक आए आगे, बच्चों को देंगे किडनी

Edited By Vaneet,Updated: 10 Oct, 2018 09:37 PM

parents come forward to save old sticks give kidney

आजकल कुछ बच्चे अपने माता-पिता का बुढ़ापे में तिरस्कार कर देते हैं पर वहीं माता-पिता मुसीबत पडऩे पर अपने बच्चे की जान बचाने के लिए अपनी जान तक की ...

अमृतसर(दलजीत शर्मा): आजकल कुछ बच्चे अपने माता-पिता का बुढ़ापे में तिरस्कार कर देते हैं पर वहीं माता-पिता मुसीबत पडऩे पर अपने बच्चे की जान बचाने के लिए अपनी जान तक की परवाह नहीं करते हैं आज ऐसे ही कई केस किडनी ट्रांसप्लांट कमेटी के सामने पेश हुए अधिकतर के शो में बुजुर्गों ने अपने बच्चे की जान बचाने के लिए किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए अधिकारियों के आगे आग्रह किया किडनी ट्रांसप्लांट कमेटी के समक्ष 7 केस पेश हुए जिनकी कागजी कार्रवाई पूरी होने के उपरांत किडनी ट्रांसप्लांट के इजाजत दे दी गई।

जानकारी अनुसार किडनी कमेटी के सामने पेश हुए पठानकोट के विश्वकर्मा नगर निवासी 66 वर्षीय बोाराज ने कहा कि उनके 35 वर्षीय पुत्र योगेश कुमार की दोनों किडनियां फेल हैं। अब तक वह डायलिसिस करवाकर उसकी सांसें सहेजने की कोशिश कर रहे हैं। डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया है कि जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करवा लें, अन्यथा कुछ भी हो सकता है। इसी प्रकार शिव नगर कॉलोनी इस्लामाबाद अमृतसर निवासी 58 वर्षीय विजय कुमार ने कहा कि उनके 24 वर्षीय पुत्र कृष कुमार की जिंदगी खतरे में है। लंबा इलाज करवाने के बाद अब किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प है। बटाला के भंडारी गेट के समीप रहने वाले 58 वर्षीय राम शिंगार ने भी यही मार्मिक अपील रखी कि उनका 37 वर्षीय बेटा सुरिंदर कुमार जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। वहीं जालंधर के मुहल्ला रेहरवान निवासी 65 वर्षीय हरमेल सिंह भी अपने 22 वर्षीय बेटे को जिंदगी देने किडनी ट्रांसप्लांट कमेटी के सम्मुख प्रस्तुत हुए। 

किडनी कमेटी के चेयरमैन डॉ. सुरिंदर पाल ने इन सभी लोगों की रिपोर्टस और दस्तावेज चेक किए। उन्होंने इन लोगों से कहा कि उनकी आयु ज्यादा है और इस आयु में किडनी ट्रांसप्लांट करने से उनकी जिंदगी जोखिम में पड़ सकती है। हालांकि इन लोगों ने स्पष्ट कहा कि उन्हें अपनी जिंदगी की फिक्र नहीं। यह हमारे बुढ़ापे की लाठी है और यदि लाठी ही लडख़ड़ा गई तो फिर हमें संभालेगा कौन? किडनी कमेटी ने इन चारों मामलों पर स्वीकृति की मोहर लगा दी। किडनी कमेटी की बैठक में कुल सात केसों पर सुनवाई हुई और सभी को स्वीकृति मिली। इनमें बटाला के गांव दकोहा निवासी 53 वर्षीय सुच्चा सिंह ने अपने भतीजे 41 वर्षीय रघुविंदर सिंह, हरिके पत्तन तरनतारन की 51 वर्षीय अमनप्रीत कौर ने अपनी बेटी 29 वर्षीय गुनीत कौर को किडनी देने की पेशकश रखी, जिसे स्वीकृत कर लिया गया।

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