Edited By Vatika,Updated: 16 Feb, 2019 11:49 AM
अमन-शांति से रहते भारत की शांति को भंग करने के लिए पाकिस्तान ने हमेशा ही दहशतगर्दों को शह दी है। मौके की ताक लगाकर थोड़े समय बाद दहशतगर्द सरहदों की रक्षा करते हमारे फौजी जवानों को निशाना बना लेते हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले दौरान...
मोगा/कोटईसे खां: अमन-शांति से रहते भारत की शांति को भंग करने के लिए पाकिस्तान ने हमेशा ही दहशतगर्दों को शह दी है। मौके की ताक लगाकर थोड़े समय बाद दहशतगर्द सरहदों की रक्षा करते हमारे फौजी जवानों को निशाना बना लेते हैं। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले दौरान शहीद हुए 40 जवानों में पंजाब के मोगा जिले का नौजवान जैमल सिंह भी शामिल है।
पापा जरूर घर आएंगे....: गुरप्रकाश सिंह
शहीद जैमल सिंह का 5 वर्षीय इकलौता बेटा गुरप्रकाश सिंह अपने पिता के घर आने की प्रतीक्षा कर रहा है। आज घर में मातम के आलम में बैठकर रोती अपनी मां व दादी को चुप करवाता गुरप्रकाश कहता है कि पापा जरूर घर आएंगे। गुरप्रकाश यह नहीं जानता कि उसके पापा ऐसी जगह चले गए हैं जहां से कोई वापस नहीं आता।
वहीं गांववासी जहां अपने देश के लिए जिंदगी कुर्बान करने वाले जैमल सिंह पर गर्व महसूस कर रहे हैं, वहीं उन्हें इस बात से बेहद दुख हैं कि केन्द्र सरकार ने हमेशा ही दहशतगर्दों को उकसाने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार पाकिस्तान विरुद्ध नर्मी भरा व्यवहार अपनाया है। इस कारण हमारे देश की सरहदों की रक्षा करते जवान आए दिन शहीद हो रहे हैं।
बस चालक जैमल सिंह के शहीद होने की खबर ज्यों ही उसके जद्दी गांव गलोटी खुर्द ड़कसार पहुंची तो चारों तरफ मातम छा गया। वहीं घटना से कुछ घंटे पहले जैमल सिंह ने पत्नी को फ़ोन कर श्रीनगर जाने की बात कही लेकिन मौसम ख़राब होने के कारण फ़ोन कट गया। रोते-बिलखते हुए पत्नी ने गुहार लगाते हुए कहा कि मुझे मेरा पति वापिस लौटा दो।