Edited By Updated: 06 Nov, 2016 10:57 PM
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सर्वसम्मति से चुने गए प्रधान प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर ने ऐलान किया कि सरबत
पटियाला(बलजिन्द्र, परमीत, राणा, जोसन): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सर्वसम्मति से चुने गए प्रधान प्रो. किरपाल सिंह बडूंगर ने ऐलान किया कि सरबत खालसा बुला रहे पंथक दलों के साथ तालमेल कर आपसी मतभेद दूर करने के प्रयास किए जाएंगे। आज गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब में नतमस्तक होने के पश्चात पहली प्रैस कॉन्फ्रैंस को संबोधित करते हुए प्रो. बडूंगर ने कहा कि विचारों के मतभेद पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी के समय से चले आ रहे हैं।
यह प्रकृति की देन ही है कि एक दल सत्ताधारी है जबकि दूसरा दल प्रगतिशील विचारों से स्थापित प्रणाली को बदलने के प्रयास करता है। उन्होंने कहा कि पंथक दल जोकि सरबत खालसा को बुला रहे हैं वे भी समाज का हिस्सा ही हैं पर वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। प्रधान बडूंगर ने कहा कि इन मतभेदों को दूर करने के लिए सभी दलों का सहयोग लेकर इस बारे में विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने अपना यह पक्ष सरबत खालसा द्वारा नियुक्त किए गए पांचों तख्तों के जत्थेदारों को मान्यता देने के संबंध में किए गए सवाल के जवाब में दिया।
प्रो. बडूंगर ने कहा कि पंजाब में हुई श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं दुर्भाग्यपूर्ण हैं व भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए संगत व गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों का विशेष सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नानकशाही कैलेंडर सिख संगत की भावनाओं के अनुसार पांच सिंह साहिबानों द्वारा विद्वानों की राय से तैयार करवाया गया था। उन्होंने कहा कि समय के साथ बदलाव प्रकृति का नियम है। इस मामले में भविष्य में यदि संगत की ओर से ऐसी भावनाएं प्रकट की गईं तो हालात पर विचार कर उसकी समीक्षा की जाएगी।
बीबी राजिन्द्र कौर भ_ल सहित कुछ दलों की ओर से शिरोमणि कमेटी के प्रधान की नियुक्ति पर्ची द्वारा करने के बारे में किए गए सवाल के जवाब में प्रो. बडूंगर ने कहा कि कांग्रेस, आम आदमी पार्टी व दिल्ली आधारित अन्य पार्टियों द्वारा यदि किसी को छोटे स्तर का चुनाव भी लडऩा हो तो फैसला दिल्ली हाईकमान करती है, जबकि दूसरी ओर संत फतेह सिंह के समय से शिरोमणि कमेटी का प्रधान चुनने के लिए हमेशा आम सभा में विचार-विमर्श कर चुनाव होता है।
इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए अकाली दल के जनरल सैक्रेटरी प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि 1920 शिरोमणि कमेटी को अस्तित्व में आने से लेकर आज तक हर संघर्ष अकाली दल ने आगे होकर लड़ा है व सीने पर गोलियां भी खाई हैं। जब गोली खाने की बारी आती है तो अकाली दल आगे होता है व ङ्क्षनदा करने वाले अन्य दल गायब हो जाते हैं। इस कारण इनका आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं बनता। इस मौके पर सुरजीत सिंह रखड़ा, रणधीर सिंह रखड़ा, आई.जी. परमराज सिंह उमरानंगल, सुरजीत सिंह कोहली, हरपाल जुनेजा, विष्णु शर्मा, नरदेव सिंह आकड़ी, सुरजीत सिंह अबलोवाल, हरविन्द्र हरपालपुर, गगनदीप सिंह, जतिन्द्र सिंह, राज कटारिया, अजीतपाल सिंह कोहली आदि उपस्थित थे।