Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Dec, 2017 03:21 PM
पाकिस्तान में जितने भी मदरसे हैं वह सभी शिक्षा को नहीं बल्कि जेहाद की भाषा का जहर छोटे-छोटे बच्चों के दिमाग में पहुंचा रहे हैं। वहां शिक्षा मात्र दिखावा है। कट्टरवाद, जेहाद, भारत के खिलाफ क्रूर प्रचार ही करीब सभी मदरसों की परिभाषा बन चुका है।
अमृतसर (कक्कड़): पाकिस्तान में जितने भी मदरसे हैं वह सभी शिक्षा को नहीं बल्कि जेहाद की भाषा का जहर छोटे-छोटे बच्चों के दिमाग में पहुंचा रहे हैं। वहां शिक्षा मात्र दिखावा है। कट्टरवाद, जेहाद, भारत के खिलाफ क्रूर प्रचार ही करीब सभी मदरसों की परिभाषा बन चुका है। जानकारी के अनुसार पाक के मदरसे आतंकवाद की फैक्टरी बन चुके हैं, जिसका जिक्र पाकिस्तान की सेना के चीफ कमर जावेद बाजवा ने भी किया है। इनका कथन है कि इन मदरसों में पढऩे वाले बच्चे मौलवी या आतंकवादी बनेंगे।
पता चला है कि पाक के सेना प्रमुख के कथन से पाकिस्तानी मदरसों में बच्चों की शिक्षा पर सवालिया निशान लग गया है। यह भी पता चला है कि पाक मीडिया ने सेना प्रमुख के इस बयान को जगह नहीं दी है। इसका क्या कारण है यह बात किसी से छुपी नहीं है। पाक में इसे दबाया गया है। इतना ही नहीं, इन्हीं मदरसों से जेहाद की शिक्षा प्राप्त कर युवा छात्र लश्कर-ए-तोयबा अथवा तालिबान जैसे आतंकी संगठनों के साथ जुड़कर आतंकवादी बन चुके हैं। पाक में इस प्रकार के सम्मान को राष्ट्रीय स्तर की उच्च डिग्री के साथ मिलाया जाता है। सूत्रों से पता चला है कि इन बच्चों को भारत के खिलाफ क्रूर प्रचार की शिक्षा भी मिल रही है।
मदरसों में शिक्षा की किताबें कम कट्टरवाद-जेहाद के नाम की सामग्री भारी मात्रा में प्राप्त है। पाक के मदरसे किसी के नियंत्रण में नहीं हैं, इनमें वही होता है जिसके आदेश अंतर्राष्ट्रीय मुस्लिम कट्टरवाद तथा पाकिस्तान के समूह खतरनाक आतंकवादी संगठनों से मिलते हैं। पाक मीडिया में भी मदरसों को घटनाक्रम से दूर रखा जाता है।