Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Aug, 2017 05:13 PM
पंजाबी यूनिवर्सिटीमें नए ऑफिशिएटिंग वाइस चांसलर ने खर्च की लिमिट को 10 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दिया। अभी इस फैसले को लागू हुए 40 दिन भी नहीं हुए और 40 लाख रुपए के खर्चे किए जा चुके हैं।
पटियाला (प्रतिभा): पंजाबी यूनिवर्सिटीमें नए ऑफिशिएटिंग वाइस चांसलर ने खर्च की लिमिट को 10 हजार से बढ़ाकर 1 लाख कर दिया। अभी इस फैसले को लागू हुए 40 दिन भी नहीं हुए और 40 लाख रुपए के खर्चे किए जा चुके हैं। पुराने ऑफिशिएटिंग वी.सी. अनुराग वर्मा ने खर्चों पर कंट्रोल करके लिमिट 10 हजार रुपए रखी थी। लिमिट कम करने के बाद एक माह में 3 करोड़ रुपए तक बचाए गए थे। पर अब लगातार खर्च बढ़ रहे हैं।
अभी 40 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं । अगले हफ्ते में ये 50 लाख रुपए तक पहुंच जाएंगे। पर नए वी.सी. द्वारा अब इस मामले में कोई और फैसला नहीं लिया जा रहा है, क्योंकि 10-11 अगस्त को रैगुलर वी.सी. के लिए इंटरव्यू रखी गई है और अब जल्द ही यूनिवर्सिटी को रैगुलर वी.सी. मिलने की संभावना भी जाग चुकी है। ऐसे में अगले फैसले जो भी होंगे, वो नए वी.सी. द्वारा ही लिए जाएंगे। इसलिए अब खर्च की जो लिमिट चल रही है, उसे आगे भी जारी रखा जाएगा।
ए क्लास स्टाफ को सैलरी अभी तक नहीं मिली
खर्च को कंट्रोल करने के लिए नए ऑफिशिएटिंग वी.सी. ने कोई खास फैसला तो नहीं लिया पर 1 लाख लिमिट करने की वजह से खर्चे बढ़ गए। वहीं दूसरी तरफ ए क्लास स्टाफ को सैलरी अभी तक नहीं मिली है। जबकि बी और सी क्लास की सैलरी भी 4 अगस्त को ही मिली है। दो कैटेगरी के स्टाफ को सैलरी देने में ही सारे फंड खत्म हो गए हैं। अब महीने की जो ग्रांट सरकार से मिलती है, जब वो मिलेगी तभी ए क्लास स्टाफ को सैलरी मिलेगी। वैसे भी हर महीने स्टाफ की सैलरी लेट हो रही है। इससे परेशानी तो बढ़ ही रही है। पिछले 3 महीनों के दौरान स्टाफ की सैलरी 15 तारीख के बाद ही मिली है।
पिछले वी.सी. ने लगाई थी इन खर्चों पर रोक
पिछले ऑफिशिएटिंग वी.सी. अनुराग वर्मा ने जहां किसी भी खर्च के लिए लिमिट 10 हजार तय कर दी थी, वहीं इससे ज्यादा का खर्च वी.सी. की परमिशन के बाद ही हो सकता था। ऐसे में खर्चे कम होने शुरू हो गए। इसके अलावा उन्होंने सभी डीन, डायरैक्टर्स को मिली हुई गाडियों को बंद करवा दिया। जिनका महीने का खर्च ही लाखों रुपए था। इसके अलावा नई भर्तियों पर रोक लगा दी गई। कई मामलों में हुए पैसों के घोटालों को लेकर जांच शुरू करवाई। पर अब सभी मामलों की जांच रुक गई है। अब रैगुलर वी.सी. के आने से ही उम्मीद जताई जा रही है कि वो आकर यूनिवर्सिटी के बिगड़े हालातों को ठीक करने के लिए नई योजनाओं पर काम करेंगे।