Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jul, 2017 02:54 PM
पंजाब में चाहे कांग्रेस की सरकार 10.20 लाख किसानों के कर्जे माफ कर दिए जाने और इस संबंधित 1500 करोड़ रुपए बजट में रखने के ऐलान कर रही है, परन्तु इसके बिल्कुल उलट बैंक कर्जे वसूल करने में लगी हुई हैं। इसकी ताजी मिसाल यहां ........
फरीदकोट (हाली): पंजाब में चाहे कांग्रेस की सरकार 10.20 लाख किसानों के कर्जे माफ कर दिए जाने और इस संबंधित 1500 करोड़ रुपए बजट में रखने के ऐलान कर रही है, परन्तु इसके बिल्कुल उलट बैंक कर्जे वसूल करने में लगी हुई हैं। इसकी ताजी मिसाल यहां लगी लोक अदालत से मिलती है, जहां जिले की एक दर्जन के करीब बैंकों ने जिले के 480 किसानों से 36 करोड़ की वसूली के लिए अर्जियां दी हैं। जानकारी के अनुसार बैंकों की इस पहल पर लोक अदालत के प्रधान ने किसानों को अपना पक्ष रखने के लिए लगी हुई अदालत में तलब किया। बैंकों ने किसानों को कर्जों के एकमुश्त निपटारे के लिए कुछ छूटों की भी पेशकश की थी, परन्तु किसानों ने बैंकों की यह पेशकश ठुकरा दी।
जानकारी के अनुसार बैंक आफ इंडिया, इलाहाबाद बैंक, सैंट्रल को-आप्रेटिव बैंक समेत एक दर्जन बैंकों ने राष्ट्रीय लोक अदालत में किसानों से कर्जों की वसूली के लिए अर्जियां दायर की थीं। राष्ट्रीय लोक अदालत के 3 बैंचों में सारा दिन चली कार्रवाई के दौरान किसानों ने अपना पक्ष रखते हुए बैंक कर्जों पर मिलने वाली सबसिडी और पंजाब सरकार की तरफ से ऐलान किए गए 2 लाख रुपए तक के कर्जे की माफी के फैसले के बारे में अदालत को जानकारी दी।
किसानों ने कहा कि अगर पंजाब सरकार की तरफ से घोषित किए गए 2 लाख रुपए छोडऩे के बाद अगर बैंक कर्जे के बारे में कोई विचार करना चाहती है तो वे बाकी बचता बकाया भरने के लिए तैयार हैं परन्तु बैंकों ने लोक अदालत में किसानों को स्पष्ट किया कि फिलहाल कर्ज माफी की सुविधा किसी किसान को लिखित तौर पर नहीं दी जा सकती क्योंकि इस संबंधित उनको अभी कोई लिखित हिदायत नहीं मिली। बैंकों ने किसानों को चेतावनी दी कि अगर वे लोक अदालत में कर्जे के निपटारे संबंधित कोई फैसला नहीं करते तो वे किसानों से कर्जे के समय लिए चैकों को बैंक के खातों में लगा देंगे।