Edited By Tania pathak,Updated: 03 May, 2021 12:38 PM
पंजाब में बढ़ते कोरोना वायरस के खतरे के बीच अब एक और मुसीबत सामने आ गयी है।
जालंधर: पंजाब में बढ़ते कोरोना वायरस के खतरे के बीच अब एक और मुसीबत सामने आ गयी है। मिली जानकरी के अनुसार पंजाब में लैवेल 1 और लैवेल 2 में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों में भारी इजाफा हो रहा है। इनके इलाज के लिए डॉक्टरों की तरफ से टोसिलिजुमैब (tocilizumab) टीके का इस्तेमाल किया जा रहा है।
लेकिन भारत में इसका उत्पादन न होने के चलते अब इस टीके की भी कमी शुरू हो गई है। राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत तो पहले से ही है, लेकिन अब यहां टोसिलिजुमैब इंजेक्शन का भी स्टॉक भी खत्म होने की कगार पर है। इसीलिए पंजाब सरकार की तरफ से अब अस्पतालों को सलाह दी गई है कि गंभीर मरीजों के इलाज के लिए बाजार में उपलब्ध अन्य मेडिसिन (टीके) का उपयोग करें जो टोसिलिजुमैब के बराबर ही काम करते है।
आपको बता दें कि के.के. तलवार के नेतृत्व में काम कर रही एक्सपर्ट टीम ने गंभीर मरीजों के इलाज के लिए टोसिलिजुमैब के अलावा itolizumab और dexamethasone का इस्तेमाल करने की सलाह भी दी है। गौरतलब है कि इस इंजेक्शन का इस्तेमाल रूमेटाइड अर्थराइटिस में प्रयोग किया जाता है। लेकिन अभी कोरोना संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों को यह इंजेक्शन दिया जा रहा है। ऐसे में इसके स्टॉक की भी भारी किल्लत महामारी में परेशानियां बढ़ा सकती है।