राजनीतिक दलों के ‘राडार’ पर अफसर

Edited By swetha,Updated: 22 Apr, 2019 01:46 PM

officer on  radar  of political parties

लोकसभा चुनाव के लिए मतदान का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की व्याकुलता बढ़ती जा रही है।

चंडीगढ़(रमनजीत सिंह):लोकसभा चुनाव के लिए मतदान का दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों की व्याकुलता बढ़ती जा रही है। राजनीतिक दलों द्वारा जहां अपने प्रत्याशियों के प्रचार अभियान की रणनीति तैयार की जा रही है, वहीं नेता अपने-अपने इलाके के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी नजरें गड़ाए हुए हैं, ताकि वह किसी प्रत्याशी विशेष को फायदा न दे पाएं। अधिकारियों के मिसकंडक्ट की शिकायत करने के मामले में अभी तक  शिरोमणि अकाली दल आगे चल रहा है लेकिन पंजाब विधानसभा में प्रमुख विरोधी राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी भी अधिकारियों के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंच चुकी है। 

अकाली दल शिकायतों के मामले में सबसे आगे 
आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद शिरोमणि अकाली दल ने लगातार अधिकारियों के कामकाज व उनके व्यवहार को लेकर नजर बनाए रखी और कई अधिकारियों के कंडक्ट पर संदेह जताते हुए चुनाव आयोग को शिकायत भी की। शिअद की एग्रैसिवनैस ही है कि अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों के मामले में शिरोमणि अकाली दल ने बाकी दलों को पीछे छोड़ दिया है। शिअद की सबसे चर्चित शिकायत आई.जी. कुंवर विजय प्रताप सिंह के मामले में रही है, जिस पर हुई कार्रवाई के बाद तकरीबन सभी राजनीतिक दल एक तरफ और अकेला शिअद एक तरफ हो गया। इतना ही नहीं, कांग्रेस व अन्य दलों के नेताओं ने इकट्ठे होकर चुनाव आयोग में शिअद की शिकायत पर कार्रवाई की खिलाफत भी की। इसके अलावा अकाली दल की शिकायत पर अमृतसर ग्रामीण के एस.एस.पी. परमपाल सिंह और बठिंडा के डी.सी. परनीत भारद्वाज का भी तबादला किया जा चुका है।

तबादला करने संबंधी भी चुनाव आयोग को शिकायत
इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल ने जालंधर ग्रामीण और मुक्तसर के एस.एस.पी. का तबादला करने संबंधी भी चुनाव आयोग को शिकायतें दी हुई हैं। शिअद का आरोप है कि उक्त दोनों अधिकारी सत्तासीन कांग्रेस के बड़े नेताओं के नजदीकी रिश्तेदार हैं, लिहाजा वह चुनाव में पक्षपात कर सकते हैं। फिलहाल, इन दो अधिकारियों पर चुनाव आयोग द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।  दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी द्वारा डी.एस.पी. बरनाला के तौर पर तैनात पी.पी.एस. अधिकारी राजेश छिब्बर की शिकायत की गई है और चुनाव आयोग से आग्रह किया गया है कि चुनाव आचार संहिता तक उक्त अधिकारी को संगरूर लोकसभा क्षेत्र से बाहर रखा जाए।

नेता जी चाहते हैं कि अधिकारी रखें अपने काम से काम 
चुनाव प्रचार के साथ-साथ अधिकारियों के कंडक्ट पर नजर रखने में जुटे राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकत्र्ता आदर्श चुनाव आचार संहिता के दौरान यह चाहते हैं कि प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी बिना किसी पक्षपात के अपनी ड्यूटी निभाएं। जनता में अधिकारियों के प्रभाव व अन्य सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए जहां सत्तापक्ष अपने कंपैटीबल अधिकारियों की तैनाती को प्रैफर करता है, वहीं विपक्षी दलों के नेता हर हाल में अधिकारियों से पक्षपात रहित व्यवहार चाहते हैं। शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल व पहले सत्ता से बाहर रहते कैप्टन अमरेंद्र सिंह अपनी चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए अक्सर कहते रहे हैं कि सत्तासीन पार्टी के कार्यकर्ता की तरह ड्यूटी करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। 

क्या कहना है राजनीतिक पार्टियों के प्रवक्ताओं का

हमारी पार्टी ऐसे अफसरों के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत कर रही है, जो कांग्रेस वर्कर के तौर पर काम कर रहे हैं। यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे मतदान प्रभावित होने की संभावना रहती है। संविधान और लोकतंत्र की मर्यादा यही है कि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष हो। - डा. दलजीत सिंह चीमा, अकाली दल के वरिष्ठ उपप्रधान व प्रवक्ता। 

सभी जिलों में हमारी टीमें इस काम के लिए अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं कि कोई भी सरकारी अधिकारी अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करके किसी राजनीतिक पार्टी को लाभ न पहुंचाए। डी.एस.पी. बरनाला का मामला हमारे नोटिस में आया था, जिसकी शिकायत की जा चुकी है। - मनजीत सिंह सिद्धू, सदस्य कोर कमेटी पंजाब एवं मीडिया इंचार्ज, आम आदमी पार्टी
 

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