फरार हैप्पी का दफ्तर सील, हो सकते हैं कई बड़े खुलासे

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Mar, 2018 10:29 AM

office seal of the absconding happy

गत दिवस विजीलैंस की टीमों ने छापामारी करके ड्राइविंग लाइसैंस के नाम पर फर्जी ड्राइविंग टैस्ट करवाकर लाइसैंस जारी करने वाले एक प्राइवेट कर्मी व एक एजैंट को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में और ट्रैक की सी.सी.टी.वी. रिकर्डिंग की जांच में उस कार का पता...

जालंधर(बुलंद): गत दिवस विजीलैंस की टीमों ने छापामारी करके ड्राइविंग लाइसैंस के नाम पर फर्जी ड्राइविंग टैस्ट करवाकर लाइसैंस जारी करने वाले एक प्राइवेट कर्मी व एक एजैंट को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में और ट्रैक की सी.सी.टी.वी. रिकर्डिंग की जांच में उस कार का पता चला था जिससे फर्जी टैस्ट दिलाया जाता था। उस कार के नंबर से पता चला कि उक्त कार हैप्पी नामक एजैंट की है। हैप्पी को पकडऩे के लिए विजीलैंस ने छापामारी की पर वह फरार हो गया और आज तक फरार ही है लेकिन उसकी आई-20 कार पुलिस के हत्थे चढ़ गई। विजीलैंस विभाग ने हैप्पी के एक रिश्तेदार का बस स्टैंड के पास स्थित प्राइवेट दफ्तर सील किया है। जहां हैप्पी काम करता था और वहीं से लाइसैंसिंग, कमर्शियल वाहनों की पासिंग सहित ट्रांसपोर्ट विभाग के अनेकों दो नंबर के  काम होते थे।

ट्रैक की दीवार के साथ मार्कीट में बनाया था हैप्पी ने नया ऑफिस
मामले बारे विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हैप्पी का जो दफ्तर सील किया गया है, वहां से ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक पर नजर रखने के लिए ट्रैक के साथ लगती जमीन पर मार्कीट में अपना नया ऑफिस बनाया था। उसी ऑफिस के साथ ट्रैक की एक छोटी दीवार है और हैप्पी ने अपनी दीवार पर ग्रिल लगवाई थी ताकि वहां से ट्रैक पर पूरी नजर रखी जा सके। साथ ही वहीं से जरूरी कागजात व फाइलें ट्रैक पर बैठे एजैंटों और स्टाफ कर्मियों को पकड़वाई और उनसे ली जाती थीं। इतना ही नहीं हैप्पी के एम.वी.आई. दफ्तर से भी तार जुड़ सकते हैं क्योंकि एम.वी.आई. दफ्तर के कई लेन-देन हैप्पी के दफ्तर में ही होते थे।

राजनीतिक दबाव डालने की पूरी तैयारी
विभागीय सूत्रों की मानें तो जिस प्रकार हैप्पी के पास जिले के सारे कमॢशयल वाहनों की पासिंग का काम था, उसे देखते हुए यह अंदाजा साफ लगाया जा सकता है कि उसे सारे केस से बाहर करने के लिए किस हद तक राजनीतिक दबाव बनाया जा सकता है। मामले बारे ट्रांसपोर्ट विभाग के जानकारों की मानें तो हैप्पी को विजीलैंस के शिकंजे से बचाने में शहर के कई बड़े नेता व कारोबारी लग गए हैं क्योंकि अगर हैप्पी के दफ्तर का सारा रिकार्ड विजीलैंस के हाथ आ जाता है और हैप्पी भी पुलिस के शिकंजे में आता है तो ट्रांसपोर्ट विभाग में चल रहे गोरखधंधे से करोड़ों रुपए कमाने वाले कई बड़े चेहरे व सरकारी अधिकारियों के चेहरे भी सामने आ सकते हैं। इसी कारण इस समय बजाय हैप्पी को पुलिस के आगे सिरैंडर करवाने के उल्टा पूरा जोर उसे बचाने के लिए लगाया जा रहा है। अब देखना होगा कि क्या हैप्पी के जरिए विजीलैंस विभाग असल बड़े घपलेबाजों तक पहुंच पाता है या फिर हैप्पी को ही सारे केस से बाहर कर दिया जाता है।

दफ्तर खुलने पर हर कागज की होगी गहनता से जांच : एस.एस.पी.
मामले बारे जानकारी देते हुए एस.एस.पी. विजीलैंस दलजिंद्र सिंह ढिल्लों ने बताया कि हैप्पी के उक्त ठिकाने यानी उसके प्राइवेट दफ्तर बारे पता चलते ही पुलिस ने वहां छापेमारी की थी पर वहां से हैप्पी और उसके साथ काम करने वाले सारे लोग फरार हो गए थे और दफ्तर पर ताला लगा हुआ था, जिसे विजीलैंस ने सील कर दिया है। उन्होंने कहा कि अगर हैप्पी सिरैंडर कर देता है तो ठीक वर्ना कड़ी कार्रवाई करके सारे कागजात जब्त किए जाएंगे और उनकी गहनता से जांच होगी।  ढिल्लों ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि हैप्पी के उक्त प्राइवेट दफ्तर में कमर्शियल वाहन पासिंग का गोरखधंधा लंबे समय से चल रहा है और इस संबंधित कई अहम फाइलें उसके इसी दफ्तर में हैं जिन्हें जल्द ही जब्त किया जाएगा।

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